मैं कोई रिश्ता नहीं हूँ, जो निभाओगे मुझे,
बस दोस्त हूँ, दोस्ती से ही पाओगे मुझे।
नादान से दोस्ती कीजिये,
क्योंकि मुसीबत के वक्त,
कोई भी समझदार साथ नहीं देता।
क्या फ़र्क़ है दोस्ती और मोहब्बत में?
रहते तो दोनों दिल में ही है लेकिन,
फ़र्क़ बस इतना है, बरसों बाद मिलने पर,
मोहब्बत नजर चुरा लेती है और दोस्त सीने से लगा लेता है।
दोस्तों की दोस्ती में कभी कोई रूल नहीं होता है,
और ये सिखाने के लिए कोई स्कूल नहीं होता है।
दोस्ती यकीन पर टिकी होती है,
यह दिवार बड़ी मुश्किल से खड़ी होती है,
कभी फुरसत मिले तो पढ़ना किताब रिश्तो की,
दोस्ती खून के रिश्तो से बड़ी होती है।
इतिहास के हर पन्ने पर लिखा है,
दोस्ती कभी बड़ी नही होती,
बल्कि दोस्ती निभाने वाले हमेशा बड़े होते है।
अगर तेरी दोस्ती बिकी
तो पहले खरीददार हम ही होंगे,
तुझे खबर भी ना होगी तेरी कीमत पर,
तुझे पाकर सबसे अमीर भी हम होंगे।
एक रात रब ने मेरे दिल से पूछा,
तू दोस्ती में इतना क्यूँ खोया है?
दिल बोला दोस्तों ने ही दी हैं सारी खुशियाँ,
वरना प्यार करके तो दिल हमेशा रोया है।
आये थे अकेले इस दुनिया में,
और आपकी दोस्ती ने कर्जदार कर दिया,
ये भी जानते हैं जायेंगे भी अकेले,
इसलिए ज़िन्दगी दोस्ती पर बलिदान कर दिया।
सारी उम्र बस एक ही सबक याद रखना,
दोस्ती और दुआ में नियत साफ रखना।