रात भर तेरी तारीफ़ करता रहा चाँद से,
चाँद इतना जला कि सूरज हो गया,
चाँद के साथ कई दर्द पुराने निकले,
ग़म थे कितने जो तेरे ग़म के बहाने निकले।
पूछो इस चाँद से कैसे सिसकते थे हम,
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपटकर रोते थे हम,
तूने तो देखा नही छोड़ने के बाद,
दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम।
नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे,
पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे,
बदल जाये तो बदले ये ज़माना,
हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे।
तुम सुबह का चाँद बन जाओ,
मैं शाम का सूरज हो जाओ,
मिले हम-तुम यु कभी,
तुम मैं हो जाऊं, मे तुम हो जाओ।
दूर इसी आसमां तले वो बैठा है,
मेरी गुस्ताखी पे ना जाने कब से ऐठा है,
ऐ चाँद तू ही उसे समझा दे जरा,
तेरा पिया यहाँ साँस रोके बैठा है।
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नजर से देख, चांद तेरा टुकड़ा लगेगा।
एक प्यारी सी दिल को चुराने की,
एक इरादा रगों में बस जाने की,
चांद सा हुस्न और तारे सा चमक,
दिल में है हसरत तुम्हे पाने की।
एक अदा आपका दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक,
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।
रात गुमसुम हैं मगर चाँद ख़ामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी आँखों की गहराई में आज,
हाथ में जाम हैं, मगर पीने का होश नहीं।
चाँद भी दीदार के काबिल ना रहे,
कोई प्यार के काबिल ना रहे,
इस दिल में बस गई है प्यार के लिए नफरत,
अब तो कोई इंतजार के काबिल ना रहे।
ऐ चाँद तू भूल जायेगा अपने आप को,
जब सुनेगा दास्तान मेरे प्यार की,
क्यूँ करता है तू गुरूर अपने आप पे,
इतना तू तो सिर्फ़ परछाई है मेरे यार की।
रात को रात का तोहफा नहीं देते,
दिल को जज़्बात का तोहफा नहीं देते,
देने को तो हम तुम्हें चाँद भी दें,
मगर चाँद को चाँद का तोहफा नहीं देते।
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है,
लब पे इक बात बड़ी देर के बाद आई है,
झूम कर आज ये शब-रंग लटें बिखरा दे,
देख बरसात बड़ी देर के बाद आई है।
चाँद की तरह ही खिले तेरी मुस्कान,
तारो की तरह सजे तेरे अरमान,
तू उदास ना हो कभी,
तेरी जिंदगी में खुशियाँ हो सभी।
उजाले की चादर ने चाँद को सुलाया है,
सूरज को दिन का मेहमान बनाया है,
कोई इंतज़ार कर रहा है मेरे मैसेज का,
ठंडी हवाओं ने अभी-अभी मुझे बताया है।
रात होगी तो चाँद भी दुहाई देगा,
ख्वाबों में तुम्हे वो चेहरा दिखाई देगा,
ये मोहब्बत ज़रा सोचके करना,
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
रात को जब चाँद सितारे चमकते है,
हम हरदम आपकी याद में तड़पते है,
आप तो चले जाते हो छोड़कर हमे,
हम रात भर आपसे मिलने को तरसते है।
चाँद तारो की कसम खाता हूँ,
मैं बहारों की कसम खाता हूँ,
कोई आप जैसा नज़र नहीं आया,
मैं नजारों की कसम खाता हूँ।
चाँद पर कभी अंधेरा होता ही होगा,
चाँद से तारो का रूठना कभी होता ही होगा,
तुम कितना भी छुपालो हमसे,
तुम्हारा दिल हमारे लिए धड़कता ही होगा।
एक ये दिन हैं जब चाँद को देखे,
मुद्दत बीती जाती है,
एक वो दिन थे जब चाँद खुद,
हमारी छत पे आया करता था।
वैसे तो कई दोस्त है हमारे,
जैसे आसमान में है कई तारे,
पर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है,
जिसके सामने फीके पड़ते हैं सारे सितारे।