दोस्ती यकीन पर टिकी होती है,
यह दिवार बड़ी मुश्किल से खड़ी होती है,
कभी फुरसत मिले तो पढ़ना किताब रिश्तो की,
दोस्ती खून के रिश्तो से बड़ी होती है।
सुदामा ने कृष्ण से पुछा,
“दोस्ती” का असली मतलब क्या है?,
कृष्ण ने हंसकर कहा जहाँ “मतलब” होता है,
वहाँ दोस्ती कहाँ होती है।
जो तू चाहे वो तेरा हो,
रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो,
जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला,
कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो।
तेरी दोस्ती में ज़िंदगी में तूफ़ान मचाएंगे,
तेरी दोस्ती में दिल के अरमान सजायेंगे,
अगर तेरी दोस्ती ज़िंदगी भर साथ दे,
तो हम दोस्ती में मौत को भी पीछे छोड़ जायेंगे।
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है,
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है,
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ,
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है।
दोस्ती नाम है सुख-दुःख की कहानी का,
दोस्ती राज है सदा ही मुस्कुराने का,
ये कोई पल भर की जान-पहचान नहीं है,
दोस्ती वादा है उम्र भर साथ निभाने का।
नादान से दोस्ती कीजिये,
क्योंकि मुसीबत के वक्त,
कोई भी समझदार साथ नहीं देता।
फासले मिटा कर आपस में प्यार रखना,
दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा बरकरार रखना,
बिछड़ जाए कभी आपसे हम,
आँखों मैं हमेशा हमारा इंतज़ार रखना।
इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है,
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी सारी ज़िन्दगी,
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।
सच्ची है मेरी दोस्ती, आजमा के देखलो,
करके यकीं मुझ पे, मेरे पास आ के देखलो.
बदलता नहीं कभी सोना अपना रंग,
जितनी बार चाहे आग लगा कर देखलो।