चाँद के लिए सितारे अनेक है,
लेकिन सितारों के लिए चाँद एक है,
आपके लिए तो हज़ारों होंगे,
लेकिन हमारे लिए आप एक है।
दूर इसी आसमां तले वो बैठा है,
मेरी गुस्ताखी पे ना जाने कब से ऐठा है,
ऐ चाँद तू ही उसे समझा दे जरा,
तेरा पिया यहाँ साँस रोके बैठा है।
तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का, हक़ बस हमारा होता।
एक अदा आपका दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक,
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।
ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को,
मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से,
आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का,
माँगती रह गई धरती कई रातों से।
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है,
उस पर शबाब का रंग गहरा है,
खुदा को यकीन न था वफापर,
तभी चाँद पर तारों का पहरा है।
वो चाँद है मगर आपसे प्यारा नही,
परवाने का शमा के बिन गुजारा नही,
मेरे दिल ने सुनी है मोटी सी आवाज,
कही आपने मुझे पुकारा तो नही।
उजाले की चादर ने चाँद को सुलाया है,
सूरज को दिन का मेहमान बनाया है,
कोई इंतज़ार कर रहा है मेरे मैसेज का,
ठंडी हवाओं ने अभी-अभी मुझे बताया है।
ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है,
क्यों मेरे साथ सारी रात जागा करता है,
मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में,
क्या तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है।
हर रास्ता एक सफ़र चाहता है,
हर मुसाफिर एक हमसफ़र चाहता है,
जैसे चाहती है चांदनी चाँद को,
कोई है जो तुमको इस कदर चाहता है।
एक ये दिन हैं जब चाँद को देखे,
मुद्दत बीती जाती है,
एक वो दिन थे जब चाँद खुद,
हमारी छत पे आया करता था।
ऐ चाँद ना गुरुर कर खूबसूरती की,
ये तो मेरे सनम से कम है,
तुझ में तो बेवफाई का दाग है,
मेरा सनम हर मायने में बेदाग है।
चाँद भी दीदार के काबिल ना रहे,
कोई प्यार के काबिल ना रहे,
इस दिल में बस गई है प्यार के लिए नफरत,
अब तो कोई इंतजार के काबिल ना रहे।
क्यों हर कोई उस चांद से ही दिल लगाना चाहता है,
शहर का हर एक सितारा उसका होना चाहता है,
खुश हैं हम दूर रहकर उससे क्योंकि,
चांद दूर से ज्यादा खूबसूरत नजर आता है।
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है,
लब पे इक बात बड़ी देर के बाद आई है,
झूम कर आज ये शब-रंग लटें बिखरा दे,
देख बरसात बड़ी देर के बाद आई है।
काश तु चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा भी होता,
लोग तुम्हे सिर्फ दूर से ही निहारते,
नज़दीक़ से देखने का हक़ सिर्फ हमारा होता।
पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती,
अकेला तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
चाँद पर कभी अंधेरा होता ही होगा,
चाँद से तारो का रूठना कभी होता ही होगा,
तुम कितना भी छुपालो हमसे,
तुम्हारा दिल हमारे लिए धड़कता ही होगा।
नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे,
पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे,
बदल जाये तो बदले ये ज़माना,
हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे।
आज भीगी हें पलके तुम्हारी याद में,
आकाश भी सिमट गया अपने आप में,
औंस की बूँद ऐसे गिरी ज़मीन पर,
मानो चाँद भी रोया हो तेरी की याद मे।