चाँद की तरह ही खिले तेरी मुस्कान,
तारो की तरह सजे तेरे अरमान,
तू उदास ना हो कभी,
तेरी जिंदगी में खुशियाँ हो सभी।
एक अदा आपका दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक,
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।
आज भीगी हें पलके तुम्हारी याद में,
आकाश भी सिमट गया अपने आप में,
औंस की बूँद ऐसे गिरी ज़मीन पर,
मानो चाँद भी रोया हो तेरी की याद मे।
चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे,
अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे,
हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के,
हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे।
तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का, हक़ बस हमारा होता।
उजाले की चादर ने चाँद को सुलाया है,
सूरज को दिन का मेहमान बनाया है,
कोई इंतज़ार कर रहा है मेरे मैसेज का,
ठंडी हवाओं ने अभी-अभी मुझे बताया है।
देखा चांद आज जो मेरे छत की तरफ,
शर्मा के डूब गया मगरिब की तरफ,
बुला रखा हूं मैं जो अपने महबूब को,
तारे चमकने लगे हैं आसमां की तरफ।
एक आदत आपकी दील चुराने की,
एक तमन्ना आपके दिल मे बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक,
इच्छा हमारी उस चाँद को पाने की।
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है,
लब पे इक बात बड़ी देर के बाद आई है,
झूम कर आज ये शब-रंग लटें बिखरा दे,
देख बरसात बड़ी देर के बाद आई है।
हर सपना ख़ुशी पाने के लिए पूरा नहीं होता,
कोई किसी के बिना अधूरा नहीं होता,
जो चाँद रौशन करता है रात भर को,
हर रात वो भी पूरा नहीं होता।
रात होगी तो चाँद भी दुहाई देगा,
ख्वाबों में तुम्हे वो चेहरा दिखाई देगा,
ये मोहब्बत ज़रा सोचके करना,
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
चाँद सा चेहरा देखने की इजाज़त दे दो मुझे,
ये शाम सजाने के इजाज़त दे दो मुझे,
क़ैद करलो अपने इश्क़ में या,
इश्क़ करने के इजाज़त दे दो मुझे।
चिराग से अंधेरे दूर हो जाते,
तो चाँद की चाहत किसे होती,
काट सकती अकेले ये ज़िन्दगी,
तो दोस्ती नाम की ये चीज़ ही क्यों होती।
चाँद पर काली घटा छाती तो होगी,
सितारों को मुस्कराहट आती तो होगी,
तुम लाख छिपाओ दुनिया से मगर,
अकेले में तुम्हे हमारी याद आती तो होगी।
चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका,
जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका,
चाँद मत मांग मेरे चाँद जमीं पर रहकर,
खुद को पहचान मेरी जान खुदी में रहकर।
ये दिल न जाने क्या कर बैठा,
मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा,
इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता,
और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा।
वैसे तो कई दोस्त है हमारे,
जैसे आसमान में है कई तारे,
पर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है,
जिसके सामने फीके पड़ते हैं सारे सितारे।
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपट रोते थे हम,
तूने तो खबर ना ली छोड़ने के बाद,
दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम।
तुम सुबह का चाँद बन जाओ,
मैं शाम का सूरज हो जाओ,
मिले हम-तुम यु कभी,
तुम मैं हो जाऊं, मे तुम हो जाओ।
चाँद पर कभी अंधेरा होता ही होगा,
चाँद से तारो का रूठना कभी होता ही होगा,
तुम कितना भी छुपालो हमसे,
तुम्हारा दिल हमारे लिए धड़कता ही होगा।
चाँद तारो की कसम खाता हूँ,
मैं बहारों की कसम खाता हूँ,
कोई आप जैसा नज़र नहीं आया,
मैं नजारों की कसम खाता हूँ।