चिराग से अंधेरे दूर हो जाते,
तो चाँद की चाहत किसे होती,
काट सकती अकेले ये ज़िन्दगी,
तो दोस्ती नाम की ये चीज़ ही क्यों होती।
चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका,
जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका,
चाँद मत मांग मेरे चाँद जमीं पर रहकर,
खुद को पहचान मेरी जान खुदी में रहकर।
रात गुमसुम हैं मगर चाँद ख़ामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी आँखों की गहराई में आज,
हाथ में जाम हैं, मगर पीने का होश नहीं।
बात यह है कि धरती पर चांद होता है,
जब चांद को पता चलता है,
या तो तुमने चाँद खो दिया,
या चाँद बुरी तरह जलता है।
ऐ चाँद तू भूल जायेगा अपने आप को,
जब सुनेगा दास्तान मेरे प्यार की,
क्यूँ करता है तू गुरूर अपने आप पे,
इतना तू तो सिर्फ़ परछाई है मेरे यार की।
हर सपना ख़ुशी पाने के लिए पूरा नहीं होता,
कोई किसी के बिना अधूरा नहीं होता,
जो चाँद रौशन करता है रात भर को,
हर रात वो भी पूरा नहीं होता।
ऐ चाँद तु मुझे इतना बता तू मेरा क्या लगता है,
मेरे साथ सारी रात क्यू जगता है,
मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में,
तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है क्या।
रात के अँधेरे में चाँद की खूबसूरती तो देखो,
ऐसे लगता है मानो कोई परी सूनसान राहो में खड़ी है,
दिल जलता है उसे तन्हाई में भी चमकता देख कर,
यहाँ बिन महबूब के एक रात ना कटी है।
रात को जब चाँद सितारे चमकते है,
हम हरदम आपकी याद में तड़पते है,
आप तो चले जाते हो छोड़कर हमे,
हम रात भर आपसे मिलने को तरसते है।
ये दिल न जाने क्या कर बैठा,
मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा,
इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता,
और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा।