क्यों हर कोई उस चांद से ही दिल लगाना चाहता है,
शहर का हर एक सितारा उसका होना चाहता है,
खुश हैं हम दूर रहकर उससे क्योंकि,
चांद दूर से ज्यादा खूबसूरत नजर आता है।
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है,
उस पर शबाब का रंग गहरा है,
खुदा को यकीन न था वफापर,
तभी चाँद पर तारों का पहरा है।
पत्थर की दुनिया जज्बात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती,
तनहा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती,
अकेला तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
आज भीगी हें पलके तुम्हारी याद में,
आकाश भी सिमट गया अपने आप में,
औंस की बूँद ऐसे गिरी ज़मीन पर,
मानो चाँद भी रोया हो तेरी की याद मे।
ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को,
मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से,
आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का,
माँगती रह गई धरती कई रातों से।
ऐ चाँद तू भूल जायेगा अपने आप को,
जब सुनेगा दास्तान मेरे प्यार की,
क्यूँ करता है तू गुरूर अपने आप पे,
इतना तू तो सिर्फ़ परछाई है मेरे यार की।
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपट रोते थे हम,
तूने तो खबर ना ली छोड़ने के बाद,
दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम।
एक प्यारी सी दिल को चुराने की,
एक इरादा रगों में बस जाने की,
चांद सा हुस्न और तारे सा चमक,
दिल में है हसरत तुम्हे पाने की।
ऐ चाँद ना गुरुर कर खूबसूरती की,
ये तो मेरे सनम से कम है,
तुझ में तो बेवफाई का दाग है,
मेरा सनम हर मायने में बेदाग है।