क्या फ़र्क़ है दोस्ती और मोहब्बत में?
रहते तो दोनों दिल में ही है लेकिन,
फ़र्क़ बस इतना है, बरसों बाद मिलने पर,
मोहब्बत नजर चुरा लेती है और दोस्त सीने से लगा लेता है।
मैं कोई रिश्ता नहीं हूँ, जो निभाओगे मुझे,
बस दोस्त हूँ, दोस्ती से ही पाओगे मुझे।
दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,
दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है,
अरे सच्ची दोस्ती तो वो है,
जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है।
दोस्ती की वजह नहीं होती,
दोस्ती सजा नहीं होती,
दोस्ती में होती है ईमानदारी,
दोस्ती में दुनियादारी नहीं होती,
दोस्त जान से प्यारा होता है,
दोस्त से जान प्यारी नहीं होती।
दोस्ती कभी ख़ास लोगों से नहीं होती,
जिनसे हो जाती है वही लोग ज़िन्दगी में ख़ास बन जाते है।
तेरी दोस्ती में ज़िंदगी में तूफ़ान मचाएंगे,
तेरी दोस्ती में दिल के अरमान सजायेंगे,
अगर तेरी दोस्ती ज़िंदगी भर साथ दे,
तो हम दोस्ती में मौत को भी पीछे छोड़ जायेंगे।
एक रात रब ने मेरे दिल से पूछा,
तू दोस्ती में इतना क्यूँ खोया है?
दिल बोला दोस्तों ने ही दी हैं सारी खुशियाँ,
वरना प्यार करके तो दिल हमेशा रोया है।
खुदा ने कहा दोस्ती न कर, दोस्तों की भीड़ में खो जाएगा,
मैने कहा कभी जमीन पर आकर मेरे दोस्तों से तो मिल,
तू भी ऊपर जाना भूल जाएगा।
फासले मिटा कर आपस में प्यार रखना,
दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा बरकरार रखना,
बिछड़ जाए कभी आपसे हम,
आँखों मैं हमेशा हमारा इंतज़ार रखना।
जो तू चाहे वो तेरा हो,
रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो,
जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला,
कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो।