दोस्तों की दोस्ती में कभी कोई रूल नहीं होता है,
और ये सिखाने के लिए कोई स्कूल नहीं होता है।
सारा खेल दोस्ती का है ए मेरे दोस्त,
वरना जनाजा और बारात एक ही सामान है।
सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती,
न करेंगे किसी से वादा,
पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा की,
करना पड़ा दोस्ती का वादा।
कितने कमाल की होती है ना दोस्ती,
वजन होता है, लेकिन बोझ नही होती।
दोस्ती एक वो खुबसूरत एहसास होता है,
जो अनजाने लोगो को भी पास लाता है,
जो हर पल साथ दे वही दोस्त कहलाता है,
वरना तो अपना साया भी साथ छोड़ जाता है।
सुदामा ने कृष्ण से पुछा,
“दोस्ती” का असली मतलब क्या है?,
कृष्ण ने हंसकर कहा जहाँ “मतलब” होता है,
वहाँ दोस्ती कहाँ होती है।
दोस्ती की वजह नहीं होती,
दोस्ती सजा नहीं होती,
दोस्ती में होती है ईमानदारी,
दोस्ती में दुनियादारी नहीं होती,
दोस्त जान से प्यारा होता है,
दोस्त से जान प्यारी नहीं होती।
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है,
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है,
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ,
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है।
बेवजह है, तभी तो दोस्ती है,
वजह होती, तो साजिश होती।
ये दोस्ती का गणित है साहब,
यहाँ 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता।
दोस्ती में दोस्त, दोस्त का ख़ुदा होता है,
महसूस तब होता है, जब वो जुदा होता है।
सच्ची है मेरी दोस्ती, आजमा के देखलो,
करके यकीं मुझ पे, मेरे पास आ के देखलो.
बदलता नहीं कभी सोना अपना रंग,
जितनी बार चाहे आग लगा कर देखलो।
जो तू चाहे वो तेरा हो,
रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो,
जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला,
कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो।
क्या फ़र्क़ है दोस्ती और मोहब्बत में?
रहते तो दोनों दिल में ही है लेकिन,
फ़र्क़ बस इतना है, बरसों बाद मिलने पर,
मोहब्बत नजर चुरा लेती है और दोस्त सीने से लगा लेता है।
उम्र से कोई लेना देना नहीं होता,
जहां विचार मिलते हैं वहां सच्ची दोस्ती होती है।
खुदा ने कहा दोस्ती न कर, दोस्तों की भीड़ में खो जाएगा,
मैने कहा कभी जमीन पर आकर मेरे दोस्तों से तो मिल,
तू भी ऊपर जाना भूल जाएगा।
गुण मिलने पर शादी होती है,
और अवगुण मिलने पर दोस्ती।
नादान से दोस्ती कीजिये,
क्योंकि मुसीबत के वक्त,
कोई भी समझदार साथ नहीं देता।
दोस्ती करो हमेशा मुस्कुराके,
किसी को धोखा ना दो अपना बनाके,
कर लो याद जब तक हम जिंदा हैं,
फिर न केहना चले गए दिल में यादें बसा के।
एक रात रब ने मेरे दिल से पूछा,
तू दोस्ती में इतना क्यूँ खोया है?
दिल बोला दोस्तों ने ही दी हैं सारी खुशियाँ,
वरना प्यार करके तो दिल हमेशा रोया है।