गुण मिलने पर शादी होती है,
और अवगुण मिलने पर दोस्ती।
क्या फ़र्क़ है दोस्ती और मोहब्बत में?
रहते तो दोनों दिल में ही है लेकिन,
फ़र्क़ बस इतना है, बरसों बाद मिलने पर,
मोहब्बत नजर चुरा लेती है और दोस्त सीने से लगा लेता है।
अगर मिलती मुझे एक दिन भी बादशाही, तो ए दोस्तों,
मेरी रियासत में हमारी दोस्ती के सिक्के चलते।
दोस्ती कभी ख़ास लोगों से नहीं होती,
जिनसे हो जाती है वही लोग ज़िन्दगी में ख़ास बन जाते है।
दोस्तों की दोस्ती में कभी कोई रूल नहीं होता है,
और ये सिखाने के लिए कोई स्कूल नहीं होता है।
बेवजह है, तभी तो दोस्ती है,
वजह होती, तो साजिश होती।
दोस्ती नाम है सुख-दुःख की कहानी का,
दोस्ती राज है सदा ही मुस्कुराने का,
ये कोई पल भर की जान-पहचान नहीं है,
दोस्ती वादा है उम्र भर साथ निभाने का।
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है,
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है,
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ,
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है।
उम्र से कोई लेना देना नहीं होता,
जहां विचार मिलते हैं वहां सच्ची दोस्ती होती है।
सुदामा ने कृष्ण से पुछा,
“दोस्ती” का असली मतलब क्या है?,
कृष्ण ने हंसकर कहा जहाँ “मतलब” होता है,
वहाँ दोस्ती कहाँ होती है।