दोस्ती में दोस्त, दोस्त का ख़ुदा होता है,
महसूस तब होता है, जब वो जुदा होता है।
तेरी दोस्ती में ज़िंदगी में तूफ़ान मचाएंगे,
तेरी दोस्ती में दिल के अरमान सजायेंगे,
अगर तेरी दोस्ती ज़िंदगी भर साथ दे,
तो हम दोस्ती में मौत को भी पीछे छोड़ जायेंगे।
इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है,
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी सारी ज़िन्दगी,
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।
मैं कोई रिश्ता नहीं हूँ, जो निभाओगे मुझे,
बस दोस्त हूँ, दोस्ती से ही पाओगे मुझे।
कौन कहता है की दोस्ती-यारी बर्बाद करती है,
कोई निभाने वाला हो तो दुनिया याद करती है।
फूलों की दोस्ती से काँटों की दोस्ती अच्छी है,
जो हमें कठिन से कठिन रास्तों पर चलने की प्रेरणा देती है।
इतिहास के हर पन्ने पर लिखा है,
दोस्ती कभी बड़ी नही होती,
बल्कि दोस्ती निभाने वाले हमेशा बड़े होते है।
आये थे अकेले इस दुनिया में,
और आपकी दोस्ती ने कर्जदार कर दिया,
ये भी जानते हैं जायेंगे भी अकेले,
इसलिए ज़िन्दगी दोस्ती पर बलिदान कर दिया।
सुदामा ने कृष्ण से पुछा,
“दोस्ती” का असली मतलब क्या है?,
कृष्ण ने हंसकर कहा जहाँ “मतलब” होता है,
वहाँ दोस्ती कहाँ होती है।
महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती,
ना हो इश्क तो जिंदगी खत्म नहीं होती,
साथ अगर हो जिंदगी में दोस्तों का,
तो जिंदगी जन्नत से कम नहीं होती।