बुरे वक़्त में भी एक अच्छाई होती है,
जैसे ही ये आता है फ़ालतू के दोस्त विदा हो जाते है,
सच्ची दोस्ती एक अच्छे स्वास्थ की तरह है,
खोने पर ही उसकी महत्वता पता चलती है।
फासले मिटा कर आपस में प्यार रखना,
दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा बरकरार रखना,
बिछड़ जाए कभी आपसे हम,
आँखों मैं हमेशा हमारा इंतज़ार रखना।
अगर तेरी दोस्ती बिकी
तो पहले खरीददार हम ही होंगे,
तुझे खबर भी ना होगी तेरी कीमत पर,
तुझे पाकर सबसे अमीर भी हम होंगे।
प्यार से प्यारी है तेरी दोस्ती,
जान हमारी है तेरी दोस्ती,
मिस कॉल का सिरप और sms का टेबलेट देते रहना,
क्यों की एक खूबसूरत बीमारी है तेरी दोस्ती।
दोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जाये,
अगर रहीम रहे भूखा तो राम से भी ना खाया जाये।
अगर मिलती मुझे एक दिन भी बादशाही, तो ए दोस्तों,
मेरी रियासत में हमारी दोस्ती के सिक्के चलते।
क्या फ़र्क़ है दोस्ती और मोहब्बत में?
रहते तो दोनों दिल में ही है लेकिन,
फ़र्क़ बस इतना है, बरसों बाद मिलने पर,
मोहब्बत नजर चुरा लेती है और दोस्त सीने से लगा लेता है।
सुदामा ने कृष्ण से पुछा,
“दोस्ती” का असली मतलब क्या है?,
कृष्ण ने हंसकर कहा जहाँ “मतलब” होता है,
वहाँ दोस्ती कहाँ होती है।
तेरी दोस्ती में ज़िंदगी में तूफ़ान मचाएंगे,
तेरी दोस्ती में दिल के अरमान सजायेंगे,
अगर तेरी दोस्ती ज़िंदगी भर साथ दे,
तो हम दोस्ती में मौत को भी पीछे छोड़ जायेंगे।
गुण मिलने पर शादी होती है,
और अवगुण मिलने पर दोस्ती।
कौन कहता है की दोस्ती-यारी बर्बाद करती है,
कोई निभाने वाला हो तो दुनिया याद करती है।
दोस्ती एक वो खुबसूरत एहसास होता है,
जो अनजाने लोगो को भी पास लाता है,
जो हर पल साथ दे वही दोस्त कहलाता है,
वरना तो अपना साया भी साथ छोड़ जाता है।
बेशक थोड़ा इंतजार मिला हमको,
पर दुनिया का सबसे हंसी यार मिला हमको,
न रही तमन्ना किसी जन्नत की,
तेरी दोस्ती में वो प्यार मिला हमको।
लोग दौलत देखते है, हम इज्जत देखते है।
लोग मंजिल देखते है, हम सफर देखते है।
लोग दोस्ती बनाते है, और हम उसे निभाते है।
बेवजह है, तभी तो दोस्ती है,
वजह होती, तो साजिश होती।
फर्क तो अपनी सोच मे है जनाब,
वर्ना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नही होती।
दोस्ती कभी ख़ास लोगों से नहीं होती,
जिनसे हो जाती है वही लोग ज़िन्दगी में ख़ास बन जाते है।
इतिहास के हर पन्ने पर लिखा है,
दोस्ती कभी बड़ी नही होती,
बल्कि दोस्ती निभाने वाले हमेशा बड़े होते है।
कितने कमाल की होती है ना दोस्ती,
वजन होता है, लेकिन बोझ नही होती।
इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है,
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी सारी ज़िन्दगी,
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।