जख़्म भरे नहीं अब पुरे,
वो और दर्द देने लगे,
पूछा हमने के क्या गलती हैं तो,
मुझे देखकर मुस्कुराने लगे,
और हम उनकी मुस्कराहट के लिए,
ख़ुशी से दर्द सहने लगे।
गलती पर साथ छोड़ने वाले बहुत मिल जायेंगे यहाँ,
पर गलती पर समझा कर साथ निभाने वाले बहुत ही कम।
गलती करके भी ख़फ़ा हो जाते हो,
सच बताओ, असल में तुम मुझसे क्या चाहते हो।
सूरज निकलने के बाद, धीरे-धीरे ढलता ही रहेगा,
गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा।
गलती निकालने के लिए भेजा चाहिए,
और गलती कबूल करने के लिए कलेजा चाहिए।
मेरी नापसंद को, उन्होंने कभी अपनाया नहीं,
बेहद मासूम है वो, जो गलती ढूंढ़ रहे नापसंद में।
एक छोटी गलती तेरी उस बड़ी काबिलियत पर उंगली उठा देगी,
जिसे तूने औरों की गलतियों को सूधार कर हासिल की थी।
हम उसकी गलती थे साहब,
उसने गलती सुधार ली,
हमने ज़िंदगी उजाड़ ली।
सीख लेना गलतियों से, निराश मत होना,
बार-बार अपनी गलतियों को सोचकर उदास मत होना।
लोग कहते है गलतियां ना किया कर, पछतायेगा,
जीवन के किसी मोड़ पर तू गुम होकर,
कहीं और ही चला जायेगा।
कोई व्यक्ति एक बार गलती करें तो – कोई बात नहीं,
दो बार गलती करें तो – होता है, इंसान है,
तीसरी बार गलती करें तो – इनसे दूर ही रहना,
क्योकि ये उसकी गलती नहीं आदत है।
गलती इंसान के जीवन का इक हिस्सा है,
इसके बिना अधूरा हर इक किस्सा हैं।
गलती सुधरने का मौक़ा उसी दिन बंद हो गया था,
जिस दिन हाथ में पेंसिल की जगह पेन थमा दिया गया था।
गलती पर साथ छोड़ने वाले तो बहुत मिलते है पर,
गलती पर समझा कर साथ निभाने वाले बहुत कम मिलते हैं।
तेरी हर गलतियों को माफ़ी है,
बस अब आगे के लिए इतना काफी है।
किस अनजान गलती की सजा दे गयी वो हमें,
पता चलेगा तो देखना वो खूब रोयेगी।
गलती तो हो गयी है, अब क्या मार डालोगे,
माफ़ भी कर दो ऐ सनम, ये गलतफहमी कब तक पालोगे।
मेरे महबूब इतनी बड़ी सजा,
ना देना हमको गलती की,
तुझ से रूबरू ना हो पाऊं,
ऐसी हमने खता नहीं की।
अपना कभी उसने हमे बनाया ही नहीं,
झूठा ही सही मगर कभी उसने दिल लगाया ही नहीं,
एक बार को तो हम अपनी गलती भी मान लेते मगर,
गलती क्या थी उसने कभी हमे बताया ही नहीं।
अगर आप गरीब पैदा हुए है,
तो यह आपकी गलती नहीं है,
पर अगर आप गरीब ही मर जाते है,
तो यह आपकी गलती है।