गलती किसकी थी, यह तो वक्त हीं बतायेगा,
गलतफहमी का यह सिलसिला तभी थम पाएगा।
अपना कभी उसने हमे बनाया ही नहीं,
झूठा ही सही मगर कभी उसने दिल लगाया ही नहीं,
एक बार को तो हम अपनी गलती भी मान लेते मगर,
गलती क्या थी उसने कभी हमे बताया ही नहीं।
रिश्ते अब शीशे की तरह हो गये हैं,
छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाते हैं,
एक हीं गलती पर अब ये टूट जाते हैं।
मेरी नापसंद को, उन्होंने कभी अपनाया नहीं,
बेहद मासूम है वो, जो गलती ढूंढ़ रहे नापसंद में।
गलती कर के तूने मुझे बेझिझक, सॉरी बोल दिया,
तुझे तेरी गलती का एहसास, जरा भी नहीं हुआ।
मेरे महबूब इतनी बड़ी सजा,
ना देना हमको गलती की,
तुझ से रूबरू ना हो पाऊं,
ऐसी हमने खता नहीं की।
जिन्दगी में अक्सर दूसरे लोग ही गलतियाँ दिखाते हैं,
पर ये मत समझ लेना कि वो आपका दिल दुखाते हैं।
जब वो मुझे इक गलती की वजह से छोड़ गया,
तो ऐसा लगा जैसे सदियों से वो मेरी गलती की तलाश में था।
मां-बाप हीं हमारी सब गलतियों को भूला देते हैं,
जमाने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
इंसान में गलतियाँ हरदम मिलती नहीं हैं,
मोहब्बत हो तो ये गलतियाँ दिखती नहीं हैं।