गलती इंसान के जीवन का इक हिस्सा है,
इसके बिना अधूरा हर इक किस्सा हैं।
जिन्दगी में अक्सर दूसरे लोग ही गलतियाँ दिखाते हैं,
पर ये मत समझ लेना कि वो आपका दिल दुखाते हैं।
गलती कर के तूने मुझे बेझिझक, सॉरी बोल दिया,
तुझे तेरी गलती का एहसास, जरा भी नहीं हुआ।
सीख लेना गलतियों से, निराश मत होना,
बार-बार अपनी गलतियों को सोचकर उदास मत होना।
अपना कभी उसने हमे बनाया ही नहीं,
झूठा ही सही मगर कभी उसने दिल लगाया ही नहीं,
एक बार को तो हम अपनी गलती भी मान लेते मगर,
गलती क्या थी उसने कभी हमे बताया ही नहीं।
मेरी गलती को अब तू माफ़ कर,
गले से गलाकर फिर मुझसे प्यार कर।
गलतियों को गुनाह मत बनाया करो,
छोटी-छोटी बातों को बस भूल जाया करो।
किस अनजान गलती की सजा दे गयी वो हमें,
पता चलेगा तो देखना वो खूब रोयेगी।
गलती निकालने के लिए भेजा चाहिए,
और गलती कबूल करने के लिए कलेजा चाहिए।
सूरज निकलने के बाद, धीरे-धीरे ढलता ही रहेगा,
गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा।
गलती तो हो गयी है, अब क्या मार डालोगे,
माफ़ भी कर दो ऐ सनम, ये गलतफहमी कब तक पालोगे।
गलतियां तेरी चलो माफ है मगर,
धोखा तेरा ना काबिल ए माफ़ी है।
गलती किसकी थी, यह तो वक्त हीं बतायेगा,
गलतफहमी का यह सिलसिला तभी थम पाएगा।
दुनिया में सब चीज मिल सकती है,
केवल अपनी गलती नहीं मिलती।
किसी की नम आँखे मेरी गलतियाँ गिना रही है,
हाले दिल जो उसका वो मुझको दिखा रही है,
न जाने अब ये क्या करना चाह रही है,
गलतियाँ ये मेरी अब मुझको ही जला रही है।
गलती सुधरने का मौक़ा उसी दिन बंद हो गया था,
जिस दिन हाथ में पेंसिल की जगह पेन थमा दिया गया था।
ऐसी क्या गलती कर दी हमने कि तुम खफा हो गए,
उम्र भर साथ निभाने का वादा करने वाले बेवफा हो गए।
जख़्म भरे नहीं अब पुरे,
वो और दर्द देने लगे,
पूछा हमने के क्या गलती हैं तो,
मुझे देखकर मुस्कुराने लगे,
और हम उनकी मुस्कराहट के लिए,
ख़ुशी से दर्द सहने लगे।
कोई तुम्हें देखकर मुस्कुरा दे तो उसे प्यार मत समझो,
किसी की छोटी-सी गलती पर, उसे गुनहगार मत समझो।
गलती करके भी ख़फ़ा हो जाते हो,
सच बताओ, असल में तुम मुझसे क्या चाहते हो।