शीशा और रिश्ता दोनों हि बड़े नाज़ुक होते हैं,
दोनों में सिर्फ एक ही फर्क है,
शीशा गलती से टूट जाता है,
और रिश्ता गलतफहमियों से।
मेरी नापसंद को, उन्होंने कभी अपनाया नहीं,
बेहद मासूम है वो, जो गलती ढूंढ़ रहे नापसंद में।
अपना कभी उसने हमे बनाया ही नहीं,
झूठा ही सही मगर कभी उसने दिल लगाया ही नहीं,
एक बार को तो हम अपनी गलती भी मान लेते मगर,
गलती क्या थी उसने कभी हमे बताया ही नहीं।
जब वो मुझे इक गलती की वजह से छोड़ गया,
तो ऐसा लगा जैसे सदियों से वो मेरी गलती की तलाश में था।
तेरी हर गलतियों को माफ़ी है,
बस अब आगे के लिए इतना काफी है।
इंसान में गलतियाँ हरदम मिलती नहीं हैं,
मोहब्बत हो तो ये गलतियाँ दिखती नहीं हैं।
अगर मोहब्बत में हदें ना पार करता, तो मैं दर्द ना पाता,
तुमसे प्यार करना मेरी गलती थी, यह बात न जान पाता।
हम उसकी गलती थे साहब,
उसने गलती सुधार ली,
हमने ज़िंदगी उजाड़ ली।
अगर आप गरीब पैदा हुए है,
तो यह आपकी गलती नहीं है,
पर अगर आप गरीब ही मर जाते है,
तो यह आपकी गलती है।
गलतियों को गुनाह मत बनाया करो,
छोटी-छोटी बातों को बस भूल जाया करो।
गलती करके भी ख़फ़ा हो जाते हो,
सच बताओ, असल में तुम मुझसे क्या चाहते हो।
सूरज निकलने के बाद, धीरे-धीरे ढलता ही रहेगा,
गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा।
ऐसी क्या गलती कर दी हमने कि तुम खफा हो गए,
उम्र भर साथ निभाने का वादा करने वाले बेवफा हो गए।
गलती कर के तूने मुझे बेझिझक, सॉरी बोल दिया,
तुझे तेरी गलती का एहसास, जरा भी नहीं हुआ।
गलती निकालने के लिए भेजा चाहिए,
और गलती कबूल करने के लिए कलेजा चाहिए।
किस अनजान गलती की सजा दे गयी वो हमें,
पता चलेगा तो देखना वो खूब रोयेगी।
मां-बाप हीं हमारी सब गलतियों को भूला देते हैं,
जमाने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
हाँ हो गयी गलती मुझसे में जानता हूँ,
पर फिर में तुझे अपनी जान मानता हूँ।
किसी की नम आँखे मेरी गलतियाँ गिना रही है,
हाले दिल जो उसका वो मुझको दिखा रही है,
न जाने अब ये क्या करना चाह रही है,
गलतियाँ ये मेरी अब मुझको ही जला रही है।
गलती पर साथ छोड़ने वाले तो बहुत मिलते है पर,
गलती पर समझा कर साथ निभाने वाले बहुत कम मिलते हैं।