चुप रहते हैं हम कि कोई खफा ना हो जाये,
हमसे कोई रुसवा ना हो जाये,
बड़ी मुश्किल से कोई अपना बना हैं,
अगर मैने कुछ गलती की है तो माफ कर दो,
डर लगता हैं कोही वो भी जुदा ना हो जाये।
जो लोग अपनी गलती खुद नहीं मानते,
उन्हें वक्त अपनी गलती मनवा लेता है।
इंसान में गलतियाँ हरदम मिलती नहीं हैं,
मोहब्बत हो तो ये गलतियाँ दिखती नहीं हैं।
मां-बाप हीं हमारी सब गलतियों को भूला देते हैं,
जमाने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
हाँ हो गयी गलती मुझसे में जानता हूँ,
पर फिर में तुझे अपनी जान मानता हूँ।
दुनिया में सब चीज मिल सकती है,
केवल अपनी गलती नहीं मिलती।
किस अनजान गलती की सजा दे गयी वो हमें,
पता चलेगा तो देखना वो खूब रोयेगी।
बस एक मेरी मोहब्बत ही ना समझ पाए तुम,
बाकी मेरी हर गलती का हिसाब बराबर रखते हो।
हमें तो सारे फरिश्ते ही मिले हैं,
कोई गलती करता ही नहीं,
हमेशा हम ही गलत होते हैं।
शीशा और रिश्ता दोनों हि बड़े नाज़ुक होते हैं,
दोनों में सिर्फ एक ही फर्क है,
शीशा गलती से टूट जाता है,
और रिश्ता गलतफहमियों से।