गलती कर के तूने मुझे बेझिझक, सॉरी बोल दिया,
तुझे तेरी गलती का एहसास, जरा भी नहीं हुआ।
अपना कभी उसने हमे बनाया ही नहीं,
झूठा ही सही मगर कभी उसने दिल लगाया ही नहीं,
एक बार को तो हम अपनी गलती भी मान लेते मगर,
गलती क्या थी उसने कभी हमे बताया ही नहीं।
तेरी हर गलतियों को माफ़ी है,
बस अब आगे के लिए इतना काफी है।
गलतियों को गुनाह मत बनाया करो,
छोटी-छोटी बातों को बस भूल जाया करो।
चुप रहते हैं हम कि कोई खफा ना हो जाये,
हमसे कोई रुसवा ना हो जाये,
बड़ी मुश्किल से कोई अपना बना हैं,
अगर मैने कुछ गलती की है तो माफ कर दो,
डर लगता हैं कोही वो भी जुदा ना हो जाये।
दुनिया में सब चीज मिल सकती है,
केवल अपनी गलती नहीं मिलती।
जख़्म भरे नहीं अब पुरे,
वो और दर्द देने लगे,
पूछा हमने के क्या गलती हैं तो,
मुझे देखकर मुस्कुराने लगे,
और हम उनकी मुस्कराहट के लिए,
ख़ुशी से दर्द सहने लगे।
सूरज निकलने के बाद, धीरे-धीरे ढलता ही रहेगा,
गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा।
गलतियां तेरी चलो माफ है मगर,
धोखा तेरा ना काबिल ए माफ़ी है।
अगर मोहब्बत में हदें ना पार करता, तो मैं दर्द ना पाता,
तुमसे प्यार करना मेरी गलती थी, यह बात न जान पाता।