गलतियों को गुनाह मत बनाया करो,
छोटी-छोटी बातों को बस भूल जाया करो।
गलतियां तेरी चलो माफ है मगर,
धोखा तेरा ना काबिल ए माफ़ी है।
जख़्म भरे नहीं अब पुरे,
वो और दर्द देने लगे,
पूछा हमने के क्या गलती हैं तो,
मुझे देखकर मुस्कुराने लगे,
और हम उनकी मुस्कराहट के लिए,
ख़ुशी से दर्द सहने लगे।
कोई व्यक्ति एक बार गलती करें तो – कोई बात नहीं,
दो बार गलती करें तो – होता है, इंसान है,
तीसरी बार गलती करें तो – इनसे दूर ही रहना,
क्योकि ये उसकी गलती नहीं आदत है।
गलती करके भी ख़फ़ा हो जाते हो,
सच बताओ, असल में तुम मुझसे क्या चाहते हो।
वो गलतियां बहुत दर्द देती हैं,
जिनकी माफी मांगने का वक्त निकल चुका हो।
रिश्ते अब शीशे की तरह हो गये हैं,
छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाते हैं,
एक हीं गलती पर अब ये टूट जाते हैं।
मेरी नापसंद को, उन्होंने कभी अपनाया नहीं,
बेहद मासूम है वो, जो गलती ढूंढ़ रहे नापसंद में।
जब वो मुझे इक गलती की वजह से छोड़ गया,
तो ऐसा लगा जैसे सदियों से वो मेरी गलती की तलाश में था।
गलती किसकी थी, यह तो वक्त हीं बतायेगा,
गलतफहमी का यह सिलसिला तभी थम पाएगा।