सुबह-सुबह प्यारे से फूल खिल गए,
पंछी अपने सफ़र पर उड़ गये,
सूरज आते ही तारे भी छुप गये,
लो आप भी मीठी नींद से उठ गये।
हे सूर्यदेव मेरे अपनों को यह पैगाम देना,
खुशियों का दिन हंसी की शाम देना,
जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को,
तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना।
सूरज निकालता है तुम्हारे क़दमों की आहट से,
हर कली खिलती है तुम्हारे जागने से,
अब तो तुम जाग जाओ,
क्योंकि हर सुबह होती है तुम्हारे मुस्कुराने से।
फूलों की वादियों में हो बसेरा तेरा,
सितारों के आँगन में हो घर तेरा,
दुआ है एक दोस्त की एक दोस्त को,
की तुझसे भी खूबसूरत हो सवेरा तेरा।
ताज़ी-ताज़ी हवा में फूलों की महक हो,
हर सुबह की पहली किरण में पंछियों को चहक हो,
जब भी खोले तू सुबह अपनी आँखें,
उन आँखों में केवल खुशियों की झलक हो।
सूरज के निकलने का समय हो गया है,
फूलों के खिलने का समय हो गया है,
जाग भी जाओ ऐ दोस्त इस मीठी नींद से,
सपनों को सच करने का समय हो गया है।
बीत गई वो सितारों वाली प्यारी सी रात,
आ गयी याद वो आपकी एक मीठी सी बात,
हर पल होती रहती थी हमारी मुलाकात,
अब तो बिन आपके होती नहीं है दिन की शुरुआत।
ये खुबसूरत चांदनी रात अलविदा कह रही है,
ठंडी-ठंडी हवायें दस्तक दे रही हैं,
उठकर देखो हसीन नज़रों से जरा,
एक प्यारी सी सुबह आपको गुड मोर्निंग कह रही है।
सुबह का हर क्षण ज़िन्दगी दे तुम्हे,
दिन का हर पल ढेरों ख़ुशी दे तुम्हे,
जहाँ दुःख की हवा छू भी ना पाये,
खुदा ऐसी जन्नत की ज़मीन दे तुम्हे।
बहारों में भी आज फिर क्या रँग छाया है,
नीले आसमान में आज फिर सूरज निकल आया है,
तू एक बार आज फिर मुस्कुरा दे,
तुझसे मिलने आज फिर एक नया सवेरा आया है।