गुलशन में भंवरों का फेरा हो गया,
पूरब में सूरज का डेरा हो गया,
मुस्कुराते हुए अपनी आँखें तो खोलिए,
क्योंकि एक बार फिर से आज सवेरा जो है हो गया।
पानी की बूंदे फूलों को भीगा रही है,
ठंडी हवाएं ताज़गी को जगा रही है,
हो जाओ तुम भी इसमें शामिल,
एक प्यारी सी सुबह तुम्हे जगा रही है।
सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है,
आँख खुलते ही आपकी याद आती है,
खुशियों के फूल हो आपके आँचल में,
ये मेरे होंठों पे पहली फ़रियाद होती है।
सुबह की हर धुप कुछ याद दिलाती है,
हर महकती खुशबु एक जादू जगाती है,
कितनी भी व्यस्त क्यूँ ना हो ये जिंदगी,
सुबह सुबह अपनों की याद आ ही जाती है।
रात गुजरी फिर महकती सुबह आई,
दिल धडका फिर आपकी याद आई,
आँखों ने महसूस किया उस हवा को,
जो आपको छू कर हमारे पास आई।
सुबह का उजाला हर पल आपके साथ हो,
हर दिन का एक एक पल आपके लिए खास हो,
दुआ हर पल निकलती है दिल से आप के लिये,
ढेर सारी खुशियों का खजाना आपके पास हो।
सूरज निकालता है तुम्हारे क़दमों की आहट से,
हर कली खिलती है तुम्हारे जागने से,
अब तो तुम जाग जाओ,
क्योंकि हर सुबह होती है तुम्हारे मुस्कुराने से।
जाने कब सूरज निकलते ही वो रिश्ता बन गया,
जाने कब कोई बेगाना अपना बन गया,
मुझे पता भी नहीं चला और कोई
मेरी सुबह की जरूरत बन गया।
सुनहरे सुबह की शुरूआत हुई है,
बड़ी मुश्किल से हमारी आपसे बात हुई है,
अब फिर पहले की तरह न भुला देना हमे,
बड़ी दुआओं के बाद फिर एक मुलाकात हुई है।
उठ जाओ और देखो इस नयी सुबह का नज़ारा,
ताज़ी है फूलों की ख़ुश्बू और मौसम भी बड़ा प्यारा,
छोड़ कर बिस्तर आगोश में भर लो ये सवेरा सारा,
मंजूर कीजिये आप यह शुभ प्रभात वाला सन्देश हमारा।
मेरी ख्वाइश मेरी चाहत तुम हो,
मेरी गहरी नींद के बाद की प्यारी सुबह तुम हो,
सुबह होते ही आती है एक मुस्कराहट मेरे चहरे पे,
इस मुस्कुराहट की वजह भी तो तुम ही हो।
ये खुबसूरत चांदनी रात अलविदा कह रही है,
ठंडी-ठंडी हवायें दस्तक दे रही हैं,
उठकर देखो हसीन नज़रों से जरा,
एक प्यारी सी सुबह आपको गुड मोर्निंग कह रही है।
अँधेरा गया उजाला आया,
चमकता खिलता दिन लाया,
चलो बनाये यादगार इसे
क्योकि कोई न जाने कल की माया।
ताज़ी हवा में फूलों की महक हो,
पहली किरण में पंछियों की चहक हो,
जब भी खोले तू अपनी ये आँखें,
इन आँखों में बस खुशियों की ही झलक हो।
सूरज के निकलने का समय हो गया है,
फूलों के खिलने का समय हो गया है,
जाग भी जाओ ऐ दोस्त इस मीठी नींद से,
सपनों को सच करने का समय हो गया है।
सपनो के जहाँ से अब लौट आओ,
हुई है सुबह अब जाग जाओ,
चांद–तारों को अब कह कर अलविदा,
इस नए दिन की खुशियों मे खो जाओ।
सूर्य निकलने का समय हो गया,
कलियों के खिलने का समय हो गया,
मीठी नींद से जागो मेरी मोहब्बत,
आपके सपने सच होने का वक़्त हो गया है।
ऐ सूरज मेरे अपनों को ये पैगाम देना,
खुशियों का दिन हंसी की शाम देना,
जब कोई पढ़े प्यार से मेरे इस पैगाम को,
तो उनको चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना।
सुबह की किरण आपको आ कर उठाए,
ठंडी सी हवा आए ओर आपको हमारा एहसास दिलाए,
फिर आए हमारी प्यार भारी याद आपको,
और आपके होठों पर मुस्कुराहट आ जाए।
अपनी आंखों को जगा दिया हमने,
सुबह का फर्ज अपना निभा दिया हमने,
मत सोचना कि बस यूं ही तंग किया हमने,
उठकर सुबह भगवान के साथ, आपको भी याद किया हमने।