उठ जाओ और देखो इस नयी सुबह का नज़ारा,
ताज़ी है फूलों की ख़ुश्बू और मौसम भी बड़ा प्यारा,
छोड़ कर बिस्तर आगोश में भर लो ये सवेरा सारा,
मंजूर कीजिये आप यह शुभ प्रभात वाला सन्देश हमारा।
मेरी ख्वाइश मेरी चाहत तुम हो,
मेरी गहरी नींद के बाद की प्यारी सुबह तुम हो,
सुबह होते ही आती है एक मुस्कराहट मेरे चहरे पे,
इस मुस्कुराहट की वजह भी तो तुम ही हो।
जीत से भरी हो ज़िन्दगी आपकी,
फूलो की तरह खिलती रहे ज़िन्दगी आपकी,
हर दिन आप युही मंजिल पाते रहे,
मुस्कराहट से भरी हो ज़िन्दगी आपकी।
फूलों ने रस से भरा ज़ाम भेजा है,
सूरज ने आसमान से सलाम भेजा है,
हो मुबारक़ आपको ये नया सवेरा,
अपने दिल से मैंने आपको ये पैग़ाम भेजा है।
बहारों में भी आज फिर क्या रँग छाया है,
नीले आसमान में आज फिर सूरज निकल आया है,
तू एक बार आज फिर मुस्कुरा दे,
तुझसे मिलने आज फिर एक नया सवेरा आया है।
हे सूर्यदेव मेरे अपनों को यह पैगाम देना,
खुशियों का दिन हंसी की शाम देना,
जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को,
तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना।
सुबह-सुबह प्यारे से फूल खिल गए,
पंछी अपने सफ़र पर उड़ गये,
सूरज आते ही तारे भी छुप गये,
लो आप भी मीठी नींद से उठ गये।
ताज़ी हवा में फूलों की महक हो,
पहली किरण में पंछियों की चहक हो,
जब भी खोले तू अपनी ये आँखें,
इन आँखों में बस खुशियों की ही झलक हो।
सुबह की हलकी धूप कुछ याद दिलाती है,
हर महकती खुशबू एक जादू जगाती है,
कितनी भी व्यस्त क्यों ना हो यह ज़िन्दगी,
सुबह-सुबह अपनों की याद आ ही जाती है।
प्यारी सी सुबह बोली हमसे आ कर,
बिस्तर से उठ और देख क्या नज़ारा है,
मेने उसको कहा ,पहले मेरे प्यार को तो जगा लूं,
जो इस सुबह से भी प्यारा है,