उसके चेहरे पर मोहब्बत की चमक आज भी है,
उसको हालांकि मेरे प्यार पे शक आज भी है,
नाव में बैठ के धोए थे कभी हाथ उसने,
सारे तालाब में मेहन्दी की महक आज भी है।
उनके हाथों पे मेहंदी का हम ये फायदा हुआ,
के रातभर उनके चेहरे से जुल्फे हम हटाते रहे।
कैसे भूल जाऊँ मैं उसको,
जो चाहता है इस कदर,
हथेली की मेहंदी में लिखा है,
उसने मेरा नाम छिपाकर।
वक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता है,
पर चाहत के रंग अपने दिल से कैसे उतारोगी।
तेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती है,
तेरी मुस्कान लूट कर मेरा दिल ले जाती है,
रखा जब पाँव शीशे पर, हुआ मदहोश आईना,
ये तेरे पैरों की मेहंदी मेरे मन को भाती है।
इन हाथों में लिख के मेहँदी से सजना का नाम,
जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम।
हम चाहत के अफसाने लिखते रहे,
वो भी हमे दूर से देखते रहे,
जब हमने इजहार करने को हाथ थामा,
तो मेंहदी से रंगा उनका हाथ पाया।
मेहँदी लगा लो उसके नाम की,
जो मोहब्बत हो आप की।
गेसुओं की नाज़ुक डोर में फंसा ले,
मुझे दिल के कहीं एक कोने में छुपा ले,
मुझे हाथों में तेरे बसा दूंगा मेहंदी की खुशबू,
बस शर्त है मुझे अपनी सांसों में समा ले।
वो मेहंदी के हाथों में क्या तराशेंगे नाम हमारा,
जब नाम ही छुपा लिखा है उनके हाथों में।
कुछ और ज़ज़्बातों को बेताब किया उसने,
आज मेहंदी वाले हाथों से आदाब किया उसने।
वो जो सर झुकाए बैठे हैं,
हमारा दिल चुराए बैठे हैं,
हमने कहा हमारा दिल लौटा दो,
वो बोली- हम तो हाथो में मेहँदी लगाये बैठे हैं।
क्या हुआ जो उसने रचा ली मेहंदी,
हम भी अब सेहरा सजाएंगे,
पता है वो मेरे नसीब में नहीं है,
अब उसकी छोटी बहन को पटाएंगे।
मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है।
मेहँदी के पत्ते जैसा हो जाना चाहता हूँ,
मिटकर भी खुशियाँ दे जाना चाहता हूँ।
रातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तले,
क्या करू, कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले।
लड़की के हाथों पर जब मेहँदी रचाई जाती है,
तो बहुत सारे रिश्तों की अहमियत बताई जाती है।
खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो,
बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो।
हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है,
तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं।
वो आए है महफिल में मेरे, सामने बैठे हैं,
अपने हाथों में मेरा दिल, दबाए बैठे हैं,
हमने उनसे पूछा क्या है तुम्हारे हाथो में,
मुस्कुरा के बोले, मेहंदी लगाए बैठे हैं।
दिल में इक मासूम अरमान सजा रखा है,
पायल झंकार सब सामान सजा रखा है,
आओ कभी हमसे खुशबू चाहत की लेने,
भरकर मेहँदी से ये गुलदान सजा रखा है।