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Home Mehndi Shayari Mehndi Shayari in Hindi - मेहंदी शायरी इन हिंदी

हम चाहत के अफसाने लिखते रहे

हम चाहत के अफसाने लिखते रहेहम चाहत के अफसाने लिखते रहे,
वो भी हमे दूर से देखते रहे,
जब हमने इजहार करने को हाथ थामा,
तो मेंहदी से रंगा उनका हाथ पाया।

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दोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुतदोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुत,
उस के पाँव में मेहंदी लगी है मेरे पाँव में छाले हैं।

वो आए है महफिल में मेरे सामने बैठे हैंवो आए है महफिल में मेरे, सामने बैठे हैं,
अपने हाथों में मेरा दिल, दबाए बैठे हैं,
हमने उनसे पूछा क्या है तुम्हारे हाथो में,
मुस्कुरा के बोले, मेहंदी लगाए बैठे हैं।

वक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता हैवक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता है,
पर चाहत के रंग अपने दिल से कैसे उतारोगी।

लड़की के हाथों पर जब मेहँदी रचाई जाती हैलड़की के हाथों पर जब मेहँदी रचाई जाती है,
तो बहुत सारे रिश्तों की अहमियत बताई जाती है।

अपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसालेअपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसाले,
ये मुमकिन नहीं तो मेहंदी मे मुझको रचाले।

मैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम कीमैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम की,
कम्बख्त रंग चढ़ कर उतरता ही नही।

दिल में इक मासूम अरमान सजा रखा हैदिल में इक मासूम अरमान सजा रखा है,
पायल झंकार सब सामान सजा रखा है,
आओ कभी हमसे खुशबू चाहत की लेने,
भरकर मेहँदी से ये गुलदान सजा रखा है।

दोस्ती और मेहंदी में फर्क नही होतादोस्ती और मेहंदी में फर्क नही होता,
दोनो एक काम कर जाती है,
जिंदगी मैं खुशियों के रंग देती है,
और खुद फना हो जाती है।

गेसुओं की नाज़ुक डोर में फंसा लेगेसुओं की नाज़ुक डोर में फंसा ले,
मुझे दिल के कहीं एक कोने में छुपा ले,
मुझे हाथों में तेरे बसा दूंगा मेहंदी की खुशबू,
बस शर्त है मुझे अपनी सांसों में समा ले।

मेहँदी वाले हाथ वो तेरे पायल वाले पांवमेहँदी वाले हाथ वो तेरे पायल वाले पांव,
याद बहुत आते हैं मुझको तू और अपना गाँव।

तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा हैतेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है,
ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है।

हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई हैहाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है,
तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं।

तेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती हैतेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती है,
तेरी मुस्कान लूट कर मेरा दिल ले जाती है,
रखा जब पाँव शीशे पर, हुआ मदहोश आईना,
ये तेरे पैरों की मेहंदी मेरे मन को भाती है।

मेहँदी के पत्ते जैसा हो जाना चाहता हूँमेहँदी के पत्ते जैसा हो जाना चाहता हूँ,
मिटकर भी खुशियाँ दे जाना चाहता हूँ।

मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती हैमेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है।

मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दीमेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी,
तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है।

वो मेहंदी के हाथों में क्या तराशेंगे नाम हमारावो मेहंदी के हाथों में क्या तराशेंगे नाम हमारा,
जब नाम ही छुपा लिखा है उनके हाथों में।

हम चाहत के अफसाने लिखते रहेहम चाहत के अफसाने लिखते रहे,
वो भी हमे दूर से देखते रहे,
जब हमने इजहार करने को हाथ थामा,
तो मेंहदी से रंगा उनका हाथ पाया।

जमाने के आगे दिल का हाल छुपाये बैठे हैजमाने के आगे दिल का हाल छुपाये बैठे है,
नादान है वो जो मेहंदी में मेरा नाम छुपाये बैठे है।

रातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तलेरातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तले,
क्या करू, कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले।


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