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Home Mehndi Shayari Mehndi Shayari in Hindi - मेहंदी शायरी इन हिंदी

कैसे भूल जाऊँ मैं उसको जो चाहता है इस कदर

कैसे भूल जाऊँ मैं उसको जो चाहता है इस कदरकैसे भूल जाऊँ मैं उसको,
जो चाहता है इस कदर,
हथेली की मेहंदी में लिखा है,
उसने मेरा नाम छिपाकर।

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इन हाथों में लिख के मेहँदी से सजना का नामइन हाथों में लिख के मेहँदी से सजना का नाम,
जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम।

दिल में इक मासूम अरमान सजा रखा हैदिल में इक मासूम अरमान सजा रखा है,
पायल झंकार सब सामान सजा रखा है,
आओ कभी हमसे खुशबू चाहत की लेने,
भरकर मेहँदी से ये गुलदान सजा रखा है।

मुझे भी फ़ना होना था तेरे हाथों की मेहँदी की तरहमुझे भी फ़ना होना था,
तेरे हाथों की मेहँदी की तरह,
ये गम नहीं मिट जाने का,
तू रंग देख निखरा हूँ किस तरह।

अपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसालेअपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसाले,
ये मुमकिन नहीं तो मेहंदी मे मुझको रचाले।

उजली उजली धूप की रंगत भी फ़ीकी पड़ जाती हैउजली उजली धूप की रंगत भी फ़ीकी पड़ जाती है,
आसमान के हाथों जब शाम की मेहंदी रच जाती है।

किसी और के रंग में रंगने लगे है वोकिसी और के रंग में रंगने लगे है वो,
मेरी दुनिया बेरंग कर,
किसी गैर की याद में हँसने लगे है वो।

हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई हैंहाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई हैं,
तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं।

मैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरहमैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरह,
तू मेरा नाम कभी हाथों पर सजा कर तो देख।

मेहंदी रचाई थी मैने इन हाँथों में जाने कब वो मेरी लकीर बन गईमेहंदी रचाई थी मैने इन हाँथों में,
जाने कब वो मेरी लकीर बन गई।

अगर मुहब्बत उनकी कमान की न होतीअगर मुहब्बत उनकी कमान की न होती,
तो मेरे हाथों की मेहँदी भी यूँ लाल न होती।

किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई हैकिस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है,
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है।

मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती हैमेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है।

मैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम कीमैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम की,
कम्बख्त रंग चढ़ कर उतरता ही नही।

जमाने के आगे दिल का हाल छुपाये बैठे हैजमाने के आगे दिल का हाल छुपाये बैठे है,
नादान है वो जो मेहंदी में मेरा नाम छुपाये बैठे है।

उसके चेहरे पर मोहब्बत की चमक आज भी हैउसके चेहरे पर मोहब्बत की चमक आज भी है,
उसको हालांकि मेरे प्यार पे शक आज भी है,
नाव में बैठ के धोए थे कभी हाथ उसने,
सारे तालाब में मेहन्दी की महक आज भी है।

वो जो सर झुकाए बैठे हैं हमारा दिल चुराए बैठे हैंवो जो सर झुकाए बैठे हैं,
हमारा दिल चुराए बैठे हैं,
हमने कहा हमारा दिल लौटा दो,
वो बोली- हम तो हाथो में मेहँदी लगाये बैठे हैं।

तेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती हैतेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती है,
तेरी मुस्कान लूट कर मेरा दिल ले जाती है,
रखा जब पाँव शीशे पर, हुआ मदहोश आईना,
ये तेरे पैरों की मेहंदी मेरे मन को भाती है।

रातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तलेरातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तले,
क्या करू, कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले।

होठों पर हंसी न हो तो हाथों में मेहँदी नहीं लगाई जाती हैहोठों पर हंसी न हो,
तो हाथों में मेहँदी नहीं लगाई जाती है,
इश्क़ किसी और से हो,
तो किसी गैर से शादी नहीं रचाई जाती है।

वक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता हैवक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता है,
पर चाहत के रंग अपने दिल से कैसे उतारोगी।


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