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Home Mehndi Shayari Mehndi Shayari in Hindi - मेहंदी शायरी इन हिंदी

किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है

किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई हैकिस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है,
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है।

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वो आए है महफिल में मेरे सामने बैठे हैंवो आए है महफिल में मेरे, सामने बैठे हैं,
अपने हाथों में मेरा दिल, दबाए बैठे हैं,
हमने उनसे पूछा क्या है तुम्हारे हाथो में,
मुस्कुरा के बोले, मेहंदी लगाए बैठे हैं।

तेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती हैतेरी पायल की छमछम मधुर गीत गाती है,
तेरी मुस्कान लूट कर मेरा दिल ले जाती है,
रखा जब पाँव शीशे पर, हुआ मदहोश आईना,
ये तेरे पैरों की मेहंदी मेरे मन को भाती है।

मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती हैमेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है।

दोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुतदोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुत,
उस के पाँव में मेहंदी लगी है मेरे पाँव में छाले हैं।

तुम्हारी थी शरारत मेहंदी से हथेली पे नाम लिखनातुम्हारी थी शरारत मेहंदी से हथेली पे नाम लिखना,
और मुझे रुसवा कर दिया तुम ने यूंही खेलते खेलते।

दिल में इक मासूम अरमान सजा रखा हैदिल में इक मासूम अरमान सजा रखा है,
पायल झंकार सब सामान सजा रखा है,
आओ कभी हमसे खुशबू चाहत की लेने,
भरकर मेहँदी से ये गुलदान सजा रखा है।

कैसे भूल जाऊँ मैं उसको जो चाहता है इस कदरकैसे भूल जाऊँ मैं उसको,
जो चाहता है इस कदर,
हथेली की मेहंदी में लिखा है,
उसने मेरा नाम छिपाकर।

वो मेहंदी के हाथों में क्या तराशेंगे नाम हमारावो मेहंदी के हाथों में क्या तराशेंगे नाम हमारा,
जब नाम ही छुपा लिखा है उनके हाथों में।

गेसुओं की नाज़ुक डोर में फंसा लेगेसुओं की नाज़ुक डोर में फंसा ले,
मुझे दिल के कहीं एक कोने में छुपा ले,
मुझे हाथों में तेरे बसा दूंगा मेहंदी की खुशबू,
बस शर्त है मुझे अपनी सांसों में समा ले।

किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई हैकिस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है,
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है।

क्या हुआ जो उसने रचा ली मेहंदीक्या हुआ जो उसने रचा ली मेहंदी,
हम भी अब सेहरा सजाएंगे,
पता है वो मेरे नसीब में नहीं है,
अब उसकी छोटी बहन को पटाएंगे।

उजली उजली धूप की रंगत भी फ़ीकी पड़ जाती हैउजली उजली धूप की रंगत भी फ़ीकी पड़ जाती है,
आसमान के हाथों जब शाम की मेहंदी रच जाती है।

मेहंदी रचाई थी मैने इन हाँथों में जाने कब वो मेरी लकीर बन गईमेहंदी रचाई थी मैने इन हाँथों में,
जाने कब वो मेरी लकीर बन गई।

उनके हाथों पे मेहंदी का हम ये फायदा हुआउनके हाथों पे मेहंदी का हम ये फायदा हुआ,
के रातभर उनके चेहरे से जुल्फे हम हटाते रहे।

मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दीमेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी,
तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है।

वक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता हैवक्त के साथ मेहंदी का रंग उतर जाता है,
पर चाहत के रंग अपने दिल से कैसे उतारोगी।

तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा हैतेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है,
ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है।

दोस्ती और मेहंदी में फर्क नही होतादोस्ती और मेहंदी में फर्क नही होता,
दोनो एक काम कर जाती है,
जिंदगी मैं खुशियों के रंग देती है,
और खुद फना हो जाती है।

हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई हैहाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है,
तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं।

अपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसालेअपने हाथों की लकीरों मे मुझको बसाले,
ये मुमकिन नहीं तो मेहंदी मे मुझको रचाले।


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