जिंदगी कितनी खूबसूरत होती,
अगर तेरी चाहत अधूरी ना होती,
कुछ उलझने कुछ मजबूरियां होती बेशक,
मगर प्यार में इतनी दूरियां ना होती।
काश मेरी जिंदगी में भी वो
खूबसूरत पल आ जाये,
की मेरी शायरी पढ़ते पढ़ते किसी को,
मुझसे प्यार हो जाये।
जिंदगी बहुत खूबसूरत है,
बिलकुल तुम्हारी ही तरह,
कभी हँसाती है तों कभी रुलाती है,
बिलकुल तुम्हारी ही तरह।
दोस्ती ज़िन्दगी का एक खुबसूरत लम्हा है,
यह सब रिश्तों से आलबेला है,
जिसे मिल जाये वो तन्हाई में भी खुश है,
और जिसे न मिले वो भीड़ में भी अकेला है।
जिंदगी कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो,
अपनों के बिना सूनी ही लगती है।
यादों से जिंदगी खुबसूरत रहेगी,
निगाहों में हर पल ये सूरत रहेगी,
कोई ना ले सकेगा कभी आपकी जगह,
इस दोस्त को हमेशा आपकी जरूरत रहेगी।
ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है,
कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,
लेकिन जो ज़िन्दगी की भीड़ में खुश रहता है,
ज़िन्दगी उसी के आगे सिर झुकाती है।
ना जाने किसकी,
मेरी खूबसूरत जिंदगी पर नजर लग गई,
जो लोग मुझसे पल – पल में बात करते थे,
वो तो आज मुझे देख कर इग्नोर भी नहीं करते।
खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है,
जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है,
कुछ लोग ज़िंदगी में मिलते हैं ऐसे,
जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है।
ज़िन्दगी के हर एक पल को खुबसूरत बनाइये,
जितना सहन करेंगे उतना मजबूत बनेंगे।
जो जिंदगी को हंसकर जीते है,
उनकी दुनिया अक्सर खूबसूरत हो जाती है।
जिंदगी का हर एक लम्हां खूबसूरत बन सकता था,
मुश्किलें हट सकती थी, रास्ता बन सकता था,
आज बेशक़ छूट जाये, मेरी दुनिया मेरे हाथों से,
तुम अगर साथ देते तो, कारवां बन सकता था।
जिंदगी हमें बहुत खूबसूरत दोस्त देती है,
मगर अच्छे दोस्त हमें अच्छी जिंदगी देते है।
मेरी शिकायतों का कुछ हल दे दो,
अपनी खूबसूरत जिंदगी का कुछ पल दे दो।
एक शुक्रिया जिंदगी में आने के लिए,
एक शुक्रिया जिंदगी को खूबसूरत बनाने के लिए,
कर्ज़दार रहेंगे हम जन्मो जन्म,
एक शुक्रिया प्यार को इतने प्यार निभाने के लिए।
जिंदगी से प्यार करो, तो खूबसूरत हो जाती है,
खुशियों का इंतजार करो, तो बदसूरत हो जाती है।
हर ख़ुशी से खूबसूरत तेरी शाम करू,
अपना प्यार मैं सिर्फ तेरे नाम करू,
मिल जाए अगर दोबारा ये ज़िंदगी,
हर बार मैं ये ज़िन्दगी तेरे नाम करू।
जिंदगी बहुत खूबसूरत है सब कहते थे,
जब तुम्हें देखा यकीन मुझको हो गया।
खूबसूरत है जिंदगी एक ख्वाब की तरह,
जाने कब टूट जाए कांच की तरह,
मुझे ना भूलना किसी बात की तरह,
अपने दिल में रखना खूबसूरत याद की तरह।
टुकड़ों में बंटी हुई है ये ज़िंदगी,
हर टुकड़ा हो खुबसूरत ये लाज़मी तो नहीं।