हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।
इस दुनिया में कोई खुशियों की चाह में रोता है,
कोई गमो की पनाह में रोता है,
अजीब ज़िन्दगी का सिलसिला है,
कोई भरोसे के लिए रोता है,
कोई भरोसा करके रोता है।
ज़िन्दगी वो जो ख्वाबों-ख्यालों में है,
वो तो शायद मयस्सर न होगी कभी,
ये जो लिक्खी हुई इन लकीरों में है,
अब इसी ज़िन्दगानी के हो जाएँ क्या।
परेशान हूँ मैं और दर्द का है नाम जिंदगी,
अच्छा या बुरा मैं हूँ पर बदनाम जिंदगी,
स्याह रातें, मायूसी, आंसू, लाचारी, तन्हाई,
मोहब्बत दे या कर मौत का इंतज़ाम जिंदगी।
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है,
ज़ुल्फ़-ओ-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है,
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में,
इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है।
छोड़कर साथ जुदा एक रोज हो जानी है,
शिकवा क्या मैं करूं तेरे बिछड़ जाने का,
जब एक रोज अपनी ही जिंदगी,
बेवफा हो जानी है।
ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है,
कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,
लेकिन जो ज़िन्दगी की भीड़ में खुश रहता है,
ज़िन्दगी उसी के आगे सिर झुकाती है।
जिंदगी बहुत खूबसूरत है, जिंदगी से प्यार करो,
अगर हो रात तो, सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा जिसका तुझे इंतेज़ार है,
बस उस खुदा पर भरोसा और वक्त पर ऐतवार करो।
मायने जिंदगी के बदल गये अब तो,
कई अपने मेरे बदल गये अब तो,
करते थे बात आँधियों में साथ देने की,
हवा चली और सब मुकर गये अब तो।
यह जिंदगी बस सिर्फ पल दो पल है,
जिसमें न तो आज और न ही कल है,
जी लो इस ज़िंदगी का हर पल इस तरह,
जैसे बस यही ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है।
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो ज़िन्दगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली।
शुक्रिया ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया,
कैसे बदलते है लोग चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया।
क्यों वक़्त के साथ रंगत खो जाती है,
हँसती खेलती ज़िन्दगी भी आम हो जाती है,
एक सवेरा था जब हँसकर उठा करते थे हम,
आज बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है।
मन का कुछ भी नहीं सांस के योग है,
गम हो या हो खुशी दोनों ही रोग है,
आप रोती हुई उम्र के साथ हम,
जिंदगी से निभाते हुए लोग है।
ज़िन्दगी में जब आप सही होतें है,
तो इसे कोई याद नही रखता,
और जिंदगी में जब आप गलत हो जाते है,
तो इसे कोई नही भूलता।
रास्ते ज़िन्दगी के बहुत ही हसीन है,
सभी को किसी न किसी की तालाश है,
किसी के पास मंज़िल है तो राह नहीं,
और किसी के पास राह है तो मंज़िल नहीं।
शतरंज की तरह खेल रही है
मेरी ज़िन्दगी मुझसे,
कभी तेरी मोहब्बत मात देती है
कभी मेरी किस्मत।
वो हर बार अगर चेहरा बदल कर न आया होता,
धोखा मैंने उस शख्स से यूँ न खाया होता,
रहता अगर याद कर मुझे लौट के आती नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैंने तुझे यूं न गंवाया होता।
अपनी तो ज़िन्दगी की अजीब कहानी है,
जिस चीज़ को चाहा वो ही बेगानी है,
हँसते है दुनिया को हँसाने के लिए वरना,
दुनिया डूब जाये इन आँखों में इतना पानी है।
हँसकर जीना ही दस्तूर है ज़िंदगी का,
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।