मेहरबानी होगी आपकी मुस्कान दिख जाए,
चेहरे पर सजे आपके पैगाम दिख जाए,
पर्दों में, न छिपाओ आँखों का तुम काजल,
काश कि मेहँदी में तुम्हारी, हमारा नाम दिख जाए।
मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी,
तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है।
तुम्हारी थी शरारत मेहंदी से हथेली पे नाम लिखना,
और मुझे रुसवा कर दिया तुम ने यूंही खेलते खेलते।
मैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरह,
तू मेरा नाम कभी हाथों पर सजा कर तो देख।
मेहँदी के पत्ते जैसा हो जाना चाहता हूँ,
मिटकर भी खुशियाँ दे जाना चाहता हूँ।
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है,
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है।
दोस्ती और मेहंदी में फर्क नही होता,
दोनो एक काम कर जाती है,
जिंदगी मैं खुशियों के रंग देती है,
और खुद फना हो जाती है।
चुरा के दिल मेरा मुठ्ठी में छिपाए बैठे है,
और बहाना ये है कि मेहंदी लगाए बैठे है।
उसके चेहरे पर मोहब्बत की चमक आज भी है,
उसको हालांकि मेरे प्यार पे शक आज भी है,
नाव में बैठ के धोए थे कभी हाथ उसने,
सारे तालाब में मेहन्दी की महक आज भी है।
ज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बत मुझे नुमाइश सी लगती है,
उसके हाथों पे लगी मेहंदी मुझे पराई सी लगती है।
मेहँदी का रंग चढ़ा ऐसे मेरे हाथों में,
जैसे तेरी इश्क़ चढ़ा था मेरी सांसों में।
कैसे भूल जाऊँ मैं उसको,
जो चाहता है इस कदर,
हथेली की मेहंदी में लिखा है,
उसने मेरा नाम छिपाकर।
इन हाथों में लिख के मेहँदी से सजना का नाम,
जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम।
वो आए है महफिल में मेरे, सामने बैठे हैं,
अपने हाथों में मेरा दिल, दबाए बैठे हैं,
हमने उनसे पूछा क्या है तुम्हारे हाथो में,
मुस्कुरा के बोले, मेहंदी लगाए बैठे हैं।
हम चाहत के अफसाने लिखते रहे,
वो भी हमे दूर से देखते रहे,
जब हमने इजहार करने को हाथ थामा,
तो मेंहदी से रंगा उनका हाथ पाया।
मेहेंदी का है ये कहना,
अपने पिया के संग रहना,
मेहंदी के रंग का है ये कहना,
रंग छूटे पर पिया का संग ना छूटे।
किसी और के रंग में रंगने लगे है वो,
मेरी दुनिया बेरंग कर,
किसी गैर की याद में हँसने लगे है वो।
उजली उजली धूप की रंगत भी फ़ीकी पड़ जाती है,
आसमान के हाथों जब शाम की मेहंदी रच जाती है।
क्या हुआ जो उसने रचा ली मेहंदी,
हम भी अब सेहरा सजाएंगे,
पता है वो मेरे नसीब में नहीं है,
अब उसकी छोटी बहन को पटाएंगे।
दिल में इक मासूम अरमान सजा रखा है,
पायल झंकार सब सामान सजा रखा है,
आओ कभी हमसे खुशबू चाहत की लेने,
भरकर मेहँदी से ये गुलदान सजा रखा है।
मेहँदी जो मिट कर हाथों पर रंग लाती है,
दो दिलों को मिलाकर कितनी खुशियाँ दे जाती है।