मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी,
तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है।
मैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरह,
तू मेरा नाम कभी हाथों पर सजा कर तो देख।
तू हमेशा रहे मेरे साथ में,
जल्दी मेहंदी रचे मेरे हाथ में।
तुम्हारी थी शरारत मेहंदी से हथेली पे नाम लिखना,
और मुझे रुसवा कर दिया तुम ने यूंही खेलते खेलते।
मेहरबानी होगी आपकी मुस्कान दिख जाए,
चेहरे पर सजे आपके पैगाम दिख जाए,
पर्दों में, न छिपाओ आँखों का तुम काजल,
काश कि मेहँदी में तुम्हारी, हमारा नाम दिख जाए।
उसे शक है हमारी मुहब्बत पर लेकिन,
गौर नहीं करती मेहँदी का रंग कितना गहरा निखरा हैं।
ज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बत मुझे नुमाइश सी लगती है,
उसके हाथों पे लगी मेहंदी मुझे पराई सी लगती है।
मेहँदी लगा लो उसके नाम की,
जो मोहब्बत हो आप की।
रातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तले,
क्या करू, कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले।
क्या हुआ जो उसने रचा ली मेहंदी,
हम भी अब सेहरा सजाएंगे,
पता है वो मेरे नसीब में नहीं है,
अब उसकी छोटी बहन को पटाएंगे।
मेहँदी के पत्ते जैसा हो जाना चाहता हूँ,
मिटकर भी खुशियाँ दे जाना चाहता हूँ।
तूने जो मेहँदी वाले हाथों में मेरे नाम लिखा है,
तुम कहो या न कहो, तुम्हारे दिल का प्यार मुझे दिखा है।
मेहंदी रचाई थी मैने इन हाँथों में,
जाने कब वो मेरी लकीर बन गई।
लड़की के हाथों पर जब मेहँदी रचाई जाती है,
तो बहुत सारे रिश्तों की अहमियत बताई जाती है।
गेसुओं की नाज़ुक डोर में फंसा ले,
मुझे दिल के कहीं एक कोने में छुपा ले,
मुझे हाथों में तेरे बसा दूंगा मेहंदी की खुशबू,
बस शर्त है मुझे अपनी सांसों में समा ले।
पीपल के पत्तों जैसा मत बनो,
जो वक्त आने पर सूख कर गिर जाते है,
बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो,
जो पिसकर भी दूसरों की जिंदगी में रँग भर देते है।
उसके चेहरे पर मोहब्बत की चमक आज भी है,
उसको हालांकि मेरे प्यार पे शक आज भी है,
नाव में बैठ के धोए थे कभी हाथ उसने,
सारे तालाब में मेहन्दी की महक आज भी है।
किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है,
तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है।
उनके हाथों पे मेहंदी का हम ये फायदा हुआ,
के रातभर उनके चेहरे से जुल्फे हम हटाते रहे।
हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है,
तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं।