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Home Mehndi Shayari Mehndi Shayari in Hindi - मेहंदी शायरी इन हिंदी

हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है

हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई हैहाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है,
तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं।

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तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा हैतेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है,
ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है।

गेसुओं की नाज़ुक डोर में फंसा लेगेसुओं की नाज़ुक डोर में फंसा ले,
मुझे दिल के कहीं एक कोने में छुपा ले,
मुझे हाथों में तेरे बसा दूंगा मेहंदी की खुशबू,
बस शर्त है मुझे अपनी सांसों में समा ले।

उसके चेहरे पर मोहब्बत की चमक आज भी हैउसके चेहरे पर मोहब्बत की चमक आज भी है,
उसको हालांकि मेरे प्यार पे शक आज भी है,
नाव में बैठ के धोए थे कभी हाथ उसने,
सारे तालाब में मेहन्दी की महक आज भी है।

जमाने के आगे दिल का हाल छुपाये बैठे हैजमाने के आगे दिल का हाल छुपाये बैठे है,
नादान है वो जो मेहंदी में मेरा नाम छुपाये बैठे है।

खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती होखुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो,
बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो।

मेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दीमेहंदी ने ग़ज़ब दोनों तरफ़ आग लगा दी,
तलवों में उधर और इधर दिल में लगी है।

मेहंदी रचाई थी मैने इन हाँथों में जाने कब वो मेरी लकीर बन गईमेहंदी रचाई थी मैने इन हाँथों में,
जाने कब वो मेरी लकीर बन गई।

इन हाथों में लिख के मेहँदी से सजना का नामइन हाथों में लिख के मेहँदी से सजना का नाम,
जिसको मैं पढ़ती हूँ सुबह शाम।

मैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम कीमैं न लगाऊँगी मेहंदी तेरे नाम की,
कम्बख्त रंग चढ़ कर उतरता ही नही।

ज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बत मुझे नुमाइश सी लगती हैज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बत मुझे नुमाइश सी लगती है,
उसके हाथों पे लगी मेहंदी मुझे पराई सी लगती है।

हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई हैहाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है,
तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई हैं।

किसी और के रंग में रंगने लगे है वोकिसी और के रंग में रंगने लगे है वो,
मेरी दुनिया बेरंग कर,
किसी गैर की याद में हँसने लगे है वो।

रातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तलेरातभर बेचारी मेहंदी पिसती हैं पैरों तले,
क्या करू, कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले।

उसे शक है हमारी मुहब्बत पर लेकिनउसे शक है हमारी मुहब्बत पर लेकिन,
गौर नहीं करती मेहँदी का रंग कितना गहरा निखरा हैं।

दोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुतदोनों का मिलना मुश्किल है दोनों हैं मजबूर बहुत,
उस के पाँव में मेहंदी लगी है मेरे पाँव में छाले हैं।

मैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरहमैं तेरे हाथों पर रच जाऊँगा मेहँदी की तरह,
तू मेरा नाम कभी हाथों पर सजा कर तो देख।

तेरे हाथों के मेहंदी का रंग गहरा लाल हैतेरे हाथों के मेहंदी का रंग गहरा लाल है,
क्योंकि मेरे इश्क़ का चाहत बेमिसाल है।

मेहँदी का रंग चढ़ा ऐसे मेरे हाथों मेंमेहँदी का रंग चढ़ा ऐसे मेरे हाथों में,
जैसे तेरी इश्क़ चढ़ा था मेरी सांसों में।

वो आए है महफिल में मेरे सामने बैठे हैंवो आए है महफिल में मेरे, सामने बैठे हैं,
अपने हाथों में मेरा दिल, दबाए बैठे हैं,
हमने उनसे पूछा क्या है तुम्हारे हाथो में,
मुस्कुरा के बोले, मेहंदी लगाए बैठे हैं।

तुम्हारी थी शरारत मेहंदी से हथेली पे नाम लिखनातुम्हारी थी शरारत मेहंदी से हथेली पे नाम लिखना,
और मुझे रुसवा कर दिया तुम ने यूंही खेलते खेलते।


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