पिचकारी की आई बाजारों में बौछार,
हर कोई मांगे अनोखी पिचकारी,
हर बार बच्चों को होता त्योहारों से प्यार,
वही तो बनाते त्योहारों को गुलजार।
रंगों की बौछार नहीं नजरों की इनायत ही काफी है,
तुम सामने होते तो चेहरा यूँ ही गुलाल हो जाता।
लाल हो या नीला हर रंग तुझे लगाना है,
होली कैसे खेलते है आज तुझे बताना है।
इस होली में आपके सब दुःख दर्द धुल जाए,
और रंगपंचमी के सारे रंग,
आपके जीवन को खुशियों से भर जाएँ।
अभी गुलाल तो बहाना है,
दूरियां दिलों से मिटाना है,
तो कैसा ये शरमाना है,
होली का त्यौहार आज ही मनाना है।
यह जो रंगों का त्यौहार है,
इस दिन ना हुए लाल पीले तो जिंदगी बेकार है,
रंग लगाना तो इतना पक्का लगाना,
जितना पक्का तू मेरा यार है।
मोहब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
अपने प्यार की बौछार से तुम्हें भीगा देंगे आज,
तुम पे निशान बस हमारे ही दिखेंगे,
कुछ इस तरह रंग तुम्हें लगा देंगे आज।
तेरे संग मैंने खेली मेरी कल्पना की होली,
यही बात अब तक मैंने तुमसे नहीं है बोली,
कोई रंग ना बिखेरा ना ही गुलाल उड़ाया,
सुंदर ये रूप तेरा बस प्रेम से सजाया।
खुदा करे हर साल चाँद बन के आए,
दिन का उजाला शान बन के आए,
कभी दूर ना हो आपके चेहरे से हंसी,
ये होली का त्यौहार ऐसा मेहमान बन के आए।
पलकें भी भिगेंगी नयन भी भीग जाएंगे,
तन जो भिगेगे तो मन भी भिग जाएगा,
मिलन बरसों का है जी हर के रो लेने दो,
सनम भी भीगेंगे सजन भी भीग जाएंगे।