पलकें भी भिगेंगी नयन भी भीग जाएंगे,
तन जो भिगेगे तो मन भी भिग जाएगा,
मिलन बरसों का है जी हर के रो लेने दो,
सनम भी भीगेंगे सजन भी भीग जाएंगे।
इस होली तुम अंग से अंग लगाना,
छूटे ना जो जिंदगी भर,
पिया जो मोहे ऐसे रंग लगाना।
तेरे संग मैंने खेली मेरी कल्पना की होली,
यही बात अब तक मैंने तुमसे नहीं है बोली,
कोई रंग ना बिखेरा ना ही गुलाल उड़ाया,
सुंदर ये रूप तेरा बस प्रेम से सजाया।
होली का गुलाल हो रंगों की बहार हो,
गुझिया की मिठास हो एक बात खास हो,
सबके दिल में प्यार हो यही अपना त्यौहार हो।
आपने दिल का हाल बताना छोड़ दिया,
हमने भी गहराई में जाना छोड़ दिया,
होली से पहले ही आपने,
सुबह नहाना छोड़ दिया।
दिल ने एक बार और कहना माना है,
इस होली पर फिर हमें उन्हें रंगने जाना है।
लाल गुलाबी रंग है झूम रहा संसार,
सूरज की किरण, खुशियों की बहार,
चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार।
खुदा करे हर साल चाँद बन के आए,
दिन का उजाला शान बन के आए,
कभी दूर ना हो आपके चेहरे से हंसी,
ये होली का त्यौहार ऐसा मेहमान बन के आए।
फूलों ने खिलना छोड़ दिया,
तारों ने चमकना छोड़ दिया,
होली में बाकि है कई दिन फिर भी आपने,
अभी से नहाना क्यों छोड़ दिया।
पिचकारी की आई बाजारों में बौछार,
हर कोई मांगे अनोखी पिचकारी,
हर बार बच्चों को होता त्योहारों से प्यार,
वही तो बनाते त्योहारों को गुलजार।