आपने बनाया है मुझे इस योग्य,
की प्राप्त कर सकूँ मैं अपने लक्ष्य,
दिया है आपने मुझे हर समय इतना सहारा,
जब भी लगा मुझे की अब मैं हारू।
जीवन का पथ जहाँ से शुरू होता है,
वो रहा दिखाने वाला गुरू ही होता है,
जिसके मन में गुरू के लिए सम्मान होता है,
उसके चरणों में एक दिन पूरा जहान होता है।
गुमनामी के अँधेरे में था पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया,
उनकी ऐसी कृपा हुई,
गुरू ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।
जल जाता है वो दिए की तरह,
कई जीवन रोशन कर जाता है,
कुछ इस तरह गुरू अपना फर्ज निभाता है।
आपने सिखाया पढ़ना आपने सिखाई लिखाई,
गणित भी जाना आपसे आपने ही भूगोल बतायी,
वारंवार नमन करता हूँ, स्वीकार करें बधाई।
सही क्या है, गलत क्या है, ये सबक पढ़ाते है आप,
सच क्या है, झूठ क्या है, ये समझाते है आप,
जब सूझता नहीं कुछ तो राहों को सरल बनाते है आप।
गुरु का महत्व कभी न होगा कम,
भले कर ले कितनी भी उन्नति हम,
वैसे तो है इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान,
पर अच्छे बुरे की नहीं है उसे पहचान।
आप से ही सीखा, आप से ही जाना,
आप को ही बस हमने गुरु है माना,
सीखा है सबकुछ बस आपसे हमने,
शिक्षा का मतलब बस आपसे ही जाना।
हमेशा चिंता में आप हमारे रहते,
कुछ भी बोले आपसे, पर आप कुछ ना कहते,
देते है अपने Students को एकदम निखार,
उन अध्यापकों को हमारा शत-शत नमस्कार।
गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार,
गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार,
गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में है उपहार,
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।
जीवन को चलते रहना है, लौ इसकी झिलमिल जलती है,
जीवन के हर चौराहे पर, बस कमी तुम्हारी खलती है,
जीवन की कठिन सी राहों पर, मैं तुम्हारा आशीष चाहूँगा,
जो राह तुमने है दिखाई, मैं औरों को दिखलाऊंगा।
बिन गुरु नहीं होता जीवन साकार,
सिर पर होता है जब गुरु का हाथ,
तब मिलता है जीवन को सही आकार,
गुरु ही है सफलता का आधार।
नासमझ को बुद्धिमान बनाते हो आप,
जो पीछे छूट जाता है उसे,
हाथ पकड़कर रास्ता दिखाते हो आप,
ज्ञान ही नहीं भविष्य भी बनाते हो आप।
हीरे को दे तराश तो कीमत बढ़ जाती है,
जो विद्या धन हो पास तो जिंदगी सवंर जाती है,
यदि फल फूल रखों प्रभु के आगे तो प्रसाद बन जाता है,
अगर शिष्य झुके गुरु के आगे तो इंसान बन जाता है।
गुरू तेरी महिमा को मैं कैसे करूँ बयां,
लिखने बैठूं जो तेरी महिमा तो यह अंबर छोटा पड़ जाये,
ऐसे मेरे गुरू है जो सब को इंसानियत का पाठ पढ़ायें,
उनके चरणों में हम बस शीश झुका कर,
श्रद्धा सुमन अर्पित करते जाये।
मुझे पढ़ना-लिखना सिखाने के लिए धन्यवाद,
मुझे सही-गलत की पहचान सिखाने के लिए धन्यवाद,
मुझे बड़े सपने देखने और आकाश को,
चूमने का साहस देने के लिए धन्यवाद।
ले गए आप इस स्कूल को उस मुकाम पर,
गर्व से उठते है हमारे सर , हम रहे ना रहे कल,
याद आएंगे आपके साथ बिताये हुए पल,
हमे आपकी जरुरत रहेगी हर पल।
कड़ी धूप में जो दे वट वृक्ष सी छाया,
ऐसी है उनके ज्ञान की माया,
ज्ञान की ऐसी करते है वो वर्षा,
जिससे हर शिष्य का जीवन हर्षा।
बिना गुरु नहीं होता जीवन साकार,
सर पर होता जब गुरु का हाथ,
तभी बनता जीवन का सही आकार,
गुरु ही है सफल जीवन का आधार।
ज्ञान की अलौकिक ज्योति से, मन को शांत कर देता है,
विद्या रूपी धन देकर, जीवन में सुख ही सुख भर देता है,
प्रणाम है गुरु को जो जीवन में खुशियां भर देता है।