रोशनी बनकर आए जो हमारी जिंदगी में,
ऐसे गुरूओं को में प्रणाम करता हूँ,
जमीन से आसमान तक पहुँचाने का रखते है जो हुनर,
ऐसे गुरूओं को मैं दिल से सलाम करता हूँ।
अज्ञानता को दूर करके ज्ञान की ज्योत जलाई है,
गुरुवर के चरणों में रहकर हमने शिक्षा पाई है,
गलत राह पर भटके जब हम, तो गुरुवर ने राह दिखाई है।
बिना गुरु नहीं होता जीवन साकार,
सर पर होता जब गुरु का हाथ,
तभी बनता जीवन का सही आकार,
गुरु ही है सफल जीवन का आधार।
आपने बनाया है मुझे इस योग्य,
कि प्राप्त करू मै अपना लक्ष्य,
दिया है आपने हर समय इतना सहारा,
जब भी लगा मुझे कि अब मै हारा।
बिन गुरु नहीं होता जीवन साकार,
सिर पर होता है जब गुरु का हाथ,
तब मिलता है जीवन को सही आकार,
गुरु ही है सफलता का आधार।
गुरु से ही मिलता है ज्ञान,
गुरु से ही मिलती है आगे बढ़ने की प्रेरणा,
गुरु ही भरता है सपनों में उड़ान,
बस तू कर गुरु का ही ध्यान।
जीवन को चलते रहना है, लौ इसकी झिलमिल जलती है,
जीवन के हर चौराहे पर, बस कमी तुम्हारी खलती है,
जीवन की कठिन सी राहों पर, मैं तुम्हारा आशीष चाहूँगा,
जो राह तुमने है दिखाई, मैं औरों को दिखलाऊंगा।
शिक्षक न देखे जात-पात, शिक्षक न करता पक्षपात,
निर्धन हो या धनवान, शिक्षक के लिए सभी एक समान,
शिक्षक मांझी नाव किनारा, शिक्षक डूबते के लिए सहारा,
शिक्षक का सदा ही कहना, श्रम लगन है सच्चा गहना।
धूप हो या बारिश हो वो हमें पढ़ाते है,
अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते है,
वो पूरे देश को महान बनाते है।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
शिक्षा की कद्र करना सिखाते हो,
जीवन को कैसे जीना बताते हो,
अपने कर्तव्यों से कभी विमुख नहीं होते,
चाहे बच्चे आपको कितना ही सताते हो।
ज्ञान की अलौकिक ज्योति से, मन को शांत कर देता है,
विद्या रूपी धन देकर, जीवन में सुख ही सुख भर देता है,
प्रणाम है गुरु को जो जीवन में खुशियां भर देता है।
परोपकार, भाईचारा, मानवता हमको सिखलाई,
सच्चाई की है दी मिसाल, है सहानुभूति क्यों दिखलाई,
कान पकड़ उठक बैठक, हुई थी छड़ियों की बरसात,
उस क्षण मैं समझ न पाया कि अनुशासन की शुरुआत हुई।
कल्पना और वास्तविकता में फर्क बताया,
मुश्किलों से लड़ना सिखाया,
सूझबूझ से जीवन जीना सिखाया,
अपार ज्ञान देकर हमको सफल बनाया।
आप से ही सीखा, आप से ही जाना,
आप को ही बस हमने गुरु है माना,
सीखा है सबकुछ बस आपसे हमने,
शिक्षा का मतलब बस आपसे ही जाना।
धुल थे हम सभी आसमां बन गये,
चाँद का नूर ले कहकंशा बन गये,
ऐसे सर को भला कैसे कर दे विदा,
जिनकी शिक्षा से हम क्या से क्या बन गये।
अंधकार को हटाकर,
प्रकाश की ओर ले जाने वाले गुरू,
जीवन की रहा दिखाने वाले गुरू,
इंसान को इंसान बनाता है गुरू।
तुमने सिखाया ऊँगली पकड़ कर चलना,
तुमने सिखाया कैसे गिरने के बाद सम्भलना,
तुम्हारी वजह से आज हम पहुंचे है आज इस मुकाम पे,
Teachers Day के दिन करते है आभार सलाम से।
मात-पिता के बाद जो हमे दुआ
देते है खुश रहने की,
वो है हमारे अध्यापक जिनको आदत
है हमारी बेतुकी बातें सहने की।
आपने बनाया है मुझे इस योग्य,
की प्राप्त कर सकूँ मैं अपने लक्ष्य,
दिया है आपने मुझे हर समय इतना सहारा,
जब भी लगा मुझे की अब मैं हारू।
आपने सिखाया पढ़ना आपने सिखाई लिखाई,
गणित भी जाना आपसे आपने ही भूगोल बतायी,
वारंवार नमन करता हूँ, स्वीकार करें बधाई।