जीवन को चलते रहना है, लौ इसकी झिलमिल जलती है,
जीवन के हर चौराहे पर, बस कमी तुम्हारी खलती है,
जीवन की कठिन सी राहों पर, मैं तुम्हारा आशीष चाहूँगा,
जो राह तुमने है दिखाई, मैं औरों को दिखलाऊंगा।
शिक्षक न देखे जात-पात, शिक्षक न करता पक्षपात,
निर्धन हो या धनवान, शिक्षक के लिए सभी एक समान,
शिक्षक मांझी नाव किनारा, शिक्षक डूबते के लिए सहारा,
शिक्षक का सदा ही कहना, श्रम लगन है सच्चा गहना।
जीवन के हर अँधेरे में रौशनी दिखाते है आप,
बंद हो जाते है जब सारे दरवाजे नया रास्ता दिखाते है आप,
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं जीवन जीना भी सिखाते है आप।
गुरु का महत्व कभी होगा ना कम,
भले कर ले कितनी भी उन्नति हम,
वैसे तो है इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान,
पर अच्छे बुरे की नहीं है उसे पहचान।
अजीब सी साझेदारी थी गुरु जी के साथ,
जब मैं गिरता था, वो संभालते थे,
जब मैं निराश था, उनको मुझ पर विश्वास था,
आज हूं सफलता के शिखर पर क्योंकि सर पर उनका हाथ था।
ज्ञान की अलौकिक ज्योति से, मन को शांत कर देता है,
विद्या रूपी धन देकर, जीवन में सुख ही सुख भर देता है,
प्रणाम है गुरु को जो जीवन में खुशियां भर देता है।
शिक्षा की कद्र करना सिखाते हो,
जीवन को कैसे जीना बताते हो,
अपने कर्तव्यों से कभी विमुख नहीं होते,
चाहे बच्चे आपको कितना ही सताते हो।
Parents के बाद जिनका है स्थान,
हाथों में जिनके Future की कमान,
जो जमाये Parents की तरह हक,
वो है हमारे Respected अध्यापक।
गणित को लगाना सिखाया आपने,
हमारे लिए इसको आसान बनाया आपने,
डांट-फटकार कर सब बच्चो को पढाया,
एग्जाम का नंबर देखकर हंसी चेहरे पर आया।
ज्ञान दीप कि ज्योति जलाकर, मन आलोकित कर दे,
विद्या का धन देकर शिक्षक, जीवन सुख से भर दे,
करो प्रणाम अपने गुरु को, जो सही दिशा दिखा दे,
यह जीवन उन्होंने संवारा, तो क्यों न उन्हें अर्पण दे।
आपने सिखाया पढ़ना आपने सिखाई लिखाई,
गणित भी जाना आपसे आपने ही भूगोल बतायी,
वारंवार नमन करता हूँ, स्वीकार करें बधाई।
गुरू तेरी महिमा को मैं कैसे करूँ बयां,
लिखने बैठूं जो तेरी महिमा तो यह अंबर छोटा पड़ जाये,
ऐसे मेरे गुरू है जो सब को इंसानियत का पाठ पढ़ायें,
उनके चरणों में हम बस शीश झुका कर,
श्रद्धा सुमन अर्पित करते जाये।
गुमनामी के अँधेरे में था पहचान बना दिया,
दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया,
उनकी ऐसी कृपा हुई,
गुरू ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।
शिक्षक के बिन ये दुनिया क्या,
कुछ भी नहीं, बस अंधकार यहाँ,
शत-शत नमन उन शिक्षकों को,
जिनके कारण रोशन सारा जहाँ।
परोपकार, भाईचारा, मानवता हमको सिखलाई,
सच्चाई की है दी मिसाल, है सहानुभूति क्यों दिखलाई,
कान पकड़ उठक बैठक, हुई थी छड़ियों की बरसात,
उस क्षण मैं समझ न पाया कि अनुशासन की शुरुआत हुई।
आपने बनाया है मुझे इस योग्य,
कि प्राप्त करू मैं अपना लक्ष्य,
दिया है हर समय आपने इतना सहारा,
जब भी लगा मुझे कि मैं हारा।
हीरे को दे तराश तो कीमत बढ़ जाती है,
जो विद्या धन हो पास तो जिंदगी सवंर जाती है,
यदि फल फूल रखों प्रभु के आगे तो प्रसाद बन जाता है,
अगर शिष्य झुके गुरु के आगे तो इंसान बन जाता है।
बिना गुरू नहीं होता जीवन साकार,
सर पर होता जब गुरू का हाथ,
तभी बनता जीवन का सही आकार,
गुरू ही है सफल जीवन का आधार।
गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार,
गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार,
गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में है उपहार,
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।
तुमने सिखाया ऊँगली पकड़ कर चलना,
तुमने सिखाया कैसे गिरने के बाद सम्भलना,
तुम्हारी वजह से आज हम पहुंचे है आज इस मुकाम पे,
Teachers Day के दिन करते है आभार सलाम से।
गुरु का महत्व कभी न होगा कम,
भले कर ले कितनी भी उन्नति हम,
वैसे तो है इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान,
पर अच्छे बुरे की नहीं है उसे पहचान।
गुरूदेव के श्रीचरणों में श्रद्धा सुमन संग वंदन,
जिनके कृपा नीर से जीवन हुआ चंदन,
धरती कहती अंबर कहते कहती यही तराना
गुरू आप ही पावन नूर है जिनसे रौशन हुआ जमाना।
कल्पना और वास्तविकता में फर्क बताया,
मुश्किलों से लड़ना सिखाया,
सूझबूझ से जीवन जीना सिखाया,
अपार ज्ञान देकर हमको सफल बनाया।
बिन गुरु नहीं होता जीवन साकार,
सिर पर होता है जब गुरु का हाथ,
तब मिलता है जीवन को सही आकार,
गुरु ही है सफलता का आधार।
कठिन राह को गुरु ने सरल बनाया,
मुझे जीवन का मोल समझाया,
सत्य-असत्य का बोध कराया,
मेरे अंधकार भरे जीवन में, गुरु ने ही प्रकाश फैलाया।
नासमझ को बुद्धिमान बनाते हो आप,
जो पीछे छूट जाता है उसे,
हाथ पकड़कर रास्ता दिखाते हो आप,
ज्ञान ही नहीं भविष्य भी बनाते हो आप।
अंधकार को हटाकर,
प्रकाश की ओर ले जाने वाले गुरू,
जीवन की रहा दिखाने वाले गुरू,
इंसान को इंसान बनाता है गुरू।
मेहनत की राह पर चलना सिखाते है,
जुनून की आग में जलना सिखाते है,
जिनको कितना सताले कभी नहीं रुठते,
वो ही हम बच्चो में सफल इंसान ढूंढते।
जीवन का पथ जहाँ से शुरू होता है,
वो रहा दिखाने वाला गुरू ही होता है,
जिसके मन में गुरू के लिए सम्मान होता है,
उसके चरणों में एक दिन पूरा जहान होता है।
आपने बनाया है मुझे इस योग्य,
कि प्राप्त करू मै अपना लक्ष्य,
दिया है आपने हर समय इतना सहारा,
जब भी लगा मुझे कि अब मै हारा।
अज्ञानता को दूर करके ज्ञान की ज्योत जलाई है,
गुरुवर के चरणों में रहकर हमने शिक्षा पाई है,
गलत राह पर भटके जब हम, तो गुरुवर ने राह दिखाई है।
रोशनी बनकर आए जो हमारी जिंदगी में,
ऐसे गुरूओं को में प्रणाम करता हूँ,
जमीन से आसमान तक पहुँचाने का रखते है जो हुनर,
ऐसे गुरूओं को मैं दिल से सलाम करता हूँ।
सही क्या है, गलत क्या है, ये सबक पढ़ाते है आप,
सच क्या है, झूठ क्या है, ये समझाते है आप,
जब सूझता नहीं कुछ तो राहों को सरल बनाते है आप।
जल जाता है वो दिए की तरह,
कई जीवन रोशन कर जाता है,
कुछ इस तरह गुरू अपना फर्ज निभाता है।
जीवन में जो सही राह दिखाए,
उस राह में जो चलना सिखाये,
माता-पिता से जो पहले आये,
वो मेरे शिक्षक कहलाये।
कड़ी धूप में जो दे वट वृक्ष सी छाया,
ऐसी है उनके ज्ञान की माया,
ज्ञान की ऐसी करते है वो वर्षा,
जिससे हर शिष्य का जीवन हर्षा।
बिना गुरु नहीं होता जीवन साकार,
सर पर होता जब गुरु का हाथ,
तभी बनता जीवन का सही आकार,
गुरु ही है सफल जीवन का आधार।
देते है शिक्षा, शिक्षक हमारे
नमन चरणों में गुरू तुम्हारे,
बिना शिक्षा सूना जीवन है
शिक्षित जीवन सदा नवजीवन है।
मात-पिता के बाद जो हमे दुआ
देते है खुश रहने की,
वो है हमारे अध्यापक जिनको आदत
है हमारी बेतुकी बातें सहने की।
मुझे पढ़ना-लिखना सिखाने के लिए धन्यवाद,
मुझे सही-गलत की पहचान सिखाने के लिए धन्यवाद,
मुझे बड़े सपने देखने और आकाश को,
चूमने का साहस देने के लिए धन्यवाद।