गोकुल मैं है जिनका वास, गोपियो संग करे निवास,
देवकी यशोदा है जिनकी मैया, ऐसे है हमारे कृष्ण कन्हैया।
मिलता है सच्चा सुख केवल हे कृष्ण तुम्हारे चरणो में,
यह विनती है पल पल रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में,
जिव्हा पर तेरा नाम रहेतेरी याद सुबह और शाम रहे,
और मन ना डगमग मेरा रहेबस ध्यान हो तुम्हारे चरणों में।
नन्दलाल की मोहनी सूरत दिल में बसा रखे है,
अपने जीवन को उन्ही की भक्ति लगा रखे है,
एक बार बाँसुरी की मधुर तान सुना दे कान्हा,
एक छोटी से आस लगा रखे है।
जग में कलयुग का हाहाकार है,
बंसी बजैया तेरे आने का इंतजार है।
दौलत छोड़ी शोहरत छोड़ी सारा खजाना छोड़ दिया,
कृष्णा के प्रेम दीवानों ने सारा जमाना छोड़ दिया।
हे कान्हा, तुम संग बीते वक्त का मैं कोई हिसाब नहीं रखती,
मैं बस लम्हे जीती हूँ, इसके आगे कोई ख़्वाब नहीं रखती।
दे के दर्शन कर दो पूरी प्रभु मेरे मन की तृष्णा,
कब तक तेरी राह निहारूं, अब तो आओ कृष्णा।
जब सुकून ना मिले दिखावे की बस्ती में,
तब खो जाना मेरे श्याम की मस्ती में।
दिल तुमसे लगा बैठे है,
प्रेम की राह पर सपने सजाएं बैठे है,
हर किसी ने तोड़े है सपने हमारे,
एक तू ही है कन्हैया जिससे हर उम्मीद लगाए बैठे है।
कर भरोसा राधे नाम का, धोखा कभी न खायेगा,
हर मौके पर कृष्ण, तेरे घर सबसे पहले आयेगा।
मेरे दिल की दीवारों पर श्याम तुम्हारी छवि हो,
मेरे नैनो की पलकों में कान्हा तस्वीर तेरी हो,
बस और न मांगू तुझसे मेरे गिरधर,
तुझे हर पल देखू मेरे कन्हैया ऐसी तकदीर हो मेरी।
देखू मेरे माधव की आँखे, या करूँ आँखे चार,
दर पर उसके शीश नमाऊं या निहारु वारंवार।
पलकें झुकें और नमन हो जाए,
मस्तक झुके और बंदन हो जाए,
ऐसी नजर कहाँ से लाऊँ मेरे कान्हा,
कि आपको याद करूँ और दर्शन हो जाए।
अब तो आँखों से भी जलन होती है मुझे ए कान्हा,
खुली हो तो तलाश तेरी और बंद हो तो ख्वाब तेरे।
गाय का माखन, यशोधा का दुलार,
ब्रह्माण्ड के सितारे कन्हैया का श्रृंगार,
सावन की बारिश और भादों की बहार,
नन्द के लाला को हमारा बार-बार नमस्कार।
अजीब नशा है, अजीब खुमारी है,
हमे कोई रोग नहीं बस,
जय श्री राधे कृष्णा, राधे कृष्णा बोलने बीमारी है।
जो है माखन चोर, जो है मुरली वाला,
वही है हम सबके दुःख दूर करने वाला।
तू समझ ये बंदे, प्रभु तुझसे दूर नहीं,
भक्तों को कष्ट मिले, ये हमारे कान्हा को मंजूर नहीं।
वैकुंठ में भी ना मिले जो वो सुख,
कान्हा तेरे वृंदावन धाम में है,
कितनी भी बड़ी विपदा हो चाहे,
समाधान तो बस श्री राधे तेरे नाम में है।
काश मैं कोई ऐसा जुर्म करू की सजा मिले हर्जाने में,
मेरा जीवन बीते वृंदावन में और मौत मिले बरसाने में।