फाल्गुन का महिना वो मस्ती के गीत,
रंगों का मेल वो नटखट का खेल,
दिल से निकलती है ये प्यारी सी बोली,
मुबारक हो आपको ये रंग भरी होली।
तेरे संग मैंने खेली मेरी कल्पना की होली,
यही बात अब तक मैंने तुमसे नहीं है बोली,
कोई रंग ना बिखेरा ना ही गुलाल उड़ाया,
सुंदर ये रूप तेरा बस प्रेम से सजाया।
रंगों का त्यौहार है होली,
थोड़ी ख़ुशी मना लेना,
हम थोड़ा दूर है आपसे,
जरा गुलाल हमारी तरफ से भी लगा लेना।
कोई रंग ना बिखेरा ना ही गुलाल उड़ाया,
सुंदर ये रूप तेरा बस प्रेम से सजाया,
मेरी कल्पना से निकली आजाओ खेलो होली,
यही बात अब तक मैंने तुमसे नहीं है बोली।
मक्के की रोटी, नींबू का अचार,
सूरज की किरणें खुशियों की बहार,
चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार।
आई है देखो होली है आई,
संग अपने ये अनगिनत खुशियाँ है लाई,
घरों में बन रहे है पकवान और मिठाई,
हमारी और से आप सभी को होली की बधाई।
होली आती याद दिलाती,
रंगो से तन मन सहलाती,
भीगे भीगे गीत सुनाती,
पिचकारी से रंग बरसाती।
रंगों तुम रंग दूँ मैं,
रंग दे ये सारा ज़हान,
बस हँसे और गले लगें,
और भूले दुश्मनी की निशान।
लाल रंग सूरज से, नीला रंग आसमान से,
हरा रंग हरियाली से, गुलाबी रंग गुलाब से,
तमाम खुशियां मिलें आपको, ये दुआ करते हैं हम दिल से।
आपने दिल का हाल बताना छोड़ दिया,
हमने भी गहराई में जाना छोड़ दिया,
होली से पहले ही आपने,
सुबह नहाना छोड़ दिया।