रंगों का त्यौहार है होली,
थोड़ी ख़ुशी मना लेना,
हम थोड़ा दूर है आपसे,
जरा गुलाल हमारी तरफ से भी लगा लेना।
दिल ने एक बार और कहना माना है,
इस होली पर फिर हमें उन्हें रंगने जाना है।
नेचर का हर रंग आप पर बरसे,
हर कोई आपके संग होली खेलने को तरसे,
रंग दे आपको मिल के सारे इतना,
की आप वो रंग उतारने को तरसे।
फूलों ने खिलना छोड़ दिया,
तारों ने चमकना छोड़ दिया,
होली में बाकि है कई दिन फिर भी आपने,
अभी से नहाना क्यों छोड़ दिया।
इस होली तुम अंग से अंग लगाना,
छूटे ना जो जिंदगी भर,
पिया जो मोहे ऐसे रंग लगाना।
रास रचाये गोकुल में कन्हैया,
होली में बन जाये रंग रसिया,
सजाये रंगों का साज हर एक द्वारे,
आज भी गोपियाँ रंग लिए कान्हा की राह निहारें।
इन रंगों से भी सुन्दर हो जिंदगी आपकी,
हमेशा महकती रहे यही दुआ है हमारी,
कभी न बिगड़ पाए ये रिश्तों के प्यार की होली,
ऐ मेरे यार आप सबको मुबारक हो ये होली।
होली का गुलाल हो रंगों की बहार हो,
गुझिया की मिठास हो एक बात खास हो,
सबके दिल में प्यार हो यही अपना त्यौहार हो।
न जीत का न हार का,
होली का त्यौहार तो बस है प्यार का।
लाल हो या नीला हर रंग तुझे लगाना है,
होली कैसे खेलते है आज तुझे बताना है।