रास रचाये गोकुल में कन्हैया,
होली में बन जाये रंग रसिया,
सजाये रंगों का साज हर एक द्वारे,
आज भी गोपियाँ रंग लिए कान्हा की राह निहारें।
रंगों तुम रंग दूँ मैं,
रंग दे ये सारा ज़हान,
बस हँसे और गले लगें,
और भूले दुश्मनी की निशान।
देते है आपको हम दिल से ये दुआएं,
होली के रंग आपके जीवन में भर जाएं,
आपके सभी सपने चुटकी में पूरे हो,
आपके जीवन में दुःख कभी न आए।
रंगों की बौछार नहीं नजरों की इनायत ही काफी है,
तुम सामने होते तो चेहरा यूँ ही गुलाल हो जाता।
आपने दिल का हाल बताना छोड़ दिया,
हमने भी गहराई में जाना छोड़ दिया,
होली से पहले ही आपने,
सुबह नहाना छोड़ दिया।
पलकें भी भिगेंगी नयन भी भीग जाएंगे,
तन जो भिगेगे तो मन भी भिग जाएगा,
मिलन बरसों का है जी हर के रो लेने दो,
सनम भी भीगेंगे सजन भी भीग जाएंगे।
खा के गुजिया पी के भांग,
लगा के थोडा थोडा सा रंग,
बजा के ढोलक और मृदंग,
खेंले होली हम तेरे संग।
मोहब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
अपने प्यार की बौछार से तुम्हें भीगा देंगे आज,
तुम पे निशान बस हमारे ही दिखेंगे,
कुछ इस तरह रंग तुम्हें लगा देंगे आज।
पूनम का चाँद रंगों की डोली,
चाँद से उसकी चाँदनी बोली,
खुशियों से भर दे सबकी झोली,
मुबारक हो आपको होली।
देते हम आपको तहदिल से ये दुआयें,
होली के रंग आपके जीवन में भर जाए,
आपके सभी सपने फटाक से पुरे हो,
आपके जीवन में दुःख कभी ना आयें।
रंगों से भर देंगे खुशियाँ,
होली में खाएंगे गुजिया,
खूब लगाएंगे अबीर गुलाल,
जिंदगी हो जाएगी सबकी गुलजार।
अभी गुलाल तो बहाना है,
दूरियां दिलों से मिटाना है,
तो कैसा ये शरमाना है,
होली का त्यौहार आज ही मनाना है।
मक्के की रोटी, नींबू का अचार,
सूरज की किरणें खुशियों की बहार,
चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार।
इन रंगों से भी सुन्दर हो जिंदगी आपकी,
हमेशा महकती रहे यही दुआ है हमारी,
कभी न बिगड़ पाए ये रिश्तों के प्यार की होली,
ऐ मेरे यार आप सबको मुबारक हो ये होली।
लाल गुलाबी रंग है झूम रहा संसार,
सूरज की किरण, खुशियों की बहार,
चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार।
राधा का रंग कान्हा की पिचकारी,
प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी,
ये रंग न जाने कोई जात न कोई बोली,
मुबारक हो आपको रंगों भरी होली।
राधा का रंग और कान्हा की पिचकारी,
प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी,
ये रंग न जाने कोई जात न कोई बोली,
मुबारक हो आपको रंगों भरी होली।
कोई रंग ना बिखेरा ना ही गुलाल उड़ाया,
सुंदर ये रूप तेरा बस प्रेम से सजाया,
मेरी कल्पना से निकली आजाओ खेलो होली,
यही बात अब तक मैंने तुमसे नहीं है बोली।
दिल ने एक बार और कहना माना है,
इस होली पर फिर हमें उन्हें रंगने जाना है।
जो नफरत का कर दे उपचार वही होली है,
जो माँ करें दुलार वही होली है,
जिस के रंगों में रंग जाए संसार वही होली है,
जो आपसे मिलवाये बार-बार वही होली है।