उनके सिंदूर से तबस्सुम सी छा गयी,
उनकी पायल की झंकार दीवाना बना गयी,
थी मेहंदी सुर्ख लाल हाथों में उनके,
चूड़ियों की आवाज मस्ताना बना गयी।
बहुत कमाल की पायल हैं उसकी,
पैरों में वो पहनती हैं,
झुनझुनाहट मेरे दिल में होती हैं।
मेरे आँगन के सन्नाटे को,
तेरी पायल की झंकार चाहिए,
झम झम बरसते एहसास ए सावन में ,
बस तुम्हारा प्यार चाहिए।
उसकी पायल में छिपी है सावन की घटा,
वो हर शाख में बहार भर देती है,
रूकती है जहाँ खिलते है गुलाब,
गुज़रती जहाँ से आँख भर देती है।
ये तेरी पायल भी ना
बड़ा अजब सा सितम करती है,
पैरों में तेरे रहती हैं
पर आवाज मुझे लगाती रहती है।
चूम कर तेरे पैरो को होंठों से अपने,
यह पायल आज उतार मैं ले जाऊँगा,
पहन जोड़ी, अपने पैरो में तेरे नाम की,
आज मैं, इश्क़ का वह गीत बनाऊंगा।
मेरी हैसियत इतनी नहीं के हर चीज दिला सकुं,
हा अगर बात तेरे मखमली पांव के पायल की है,
तो हर रोज नई लाकर पहना सकता हुँ।
पैरों में जब पायल सजाई मैंने,
उस पायल ने नाम तुम्हारा लिया,
हाथों में मेहँदी लगायी मैंने,
मेहँदी में रंग तुम्हारे नाम से निखरा।
मोहब्बत है रंगो का बादल,
मोहब्बत है आंखो का काजल,
मोहब्बत है माथे का कुमकुम,
मोहब्बत है पायल की छुमछुम,
और सुनो तो सनम मोहब्बत है, हम और तुम।
उनकी चाल ही काफी थी,
इस दिल के होश उड़ाने के लिए,
अब तो हद हो गई,
जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे।
पायल तेरी, झुमकी तेरी,
और ये जो नथनी नाक की,
हुस्न तो, जो है सो है,
ख़लिश हैं लोगों की आंख की।
सुन तुम मेरे ख्वाबों में अपनी
पायल उतार कर आया करो,
तुम्हे पता नही, तेरी पायल की झंकार से
मेरा पूरा मोहल्ला, रात भर जगा रहता है।