शेर कभी छिपकर शिकार नहीं करते,
बुजदिल कभी खुलकर वार नहीं करते,
और हम वो है जो हैप्पी होली कहने के लिए,
त्यौहार आने का भी इंतजार नहीं करते।
इससे पहले की होली की शाम हो जाए,
बधाइयों का सिलसिला आम हो जाए,
और सारा नेटवर्क जाम हो जाए,
क्यों ना एडवांस में ही होली की राम-राम हो जाए।
जो नफरत का कर दे उपचार वही होली है,
जो माँ करें दुलार वही होली है,
जिस के रंगों में रंग जाए संसार वही होली है,
जो आपसे मिलवाये बार-बार वही होली है।
मोहब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
अपने प्यार की बौछार से तुम्हें भीगा देंगे आज,
तुम पे निशान बस हमारे ही दिखेंगे,
कुछ इस तरह रंग तुम्हें लगा देंगे आज।
तेरे संग मैंने खेली मेरी कल्पना की होली,
यही बात अब तक मैंने तुमसे नहीं है बोली,
कोई रंग ना बिखेरा ना ही गुलाल उड़ाया,
सुंदर ये रूप तेरा बस प्रेम से सजाया।
आपने दिल का हाल बताना छोड़ दिया,
हमने भी गहराई में जाना छोड़ दिया,
होली से पहले ही आपने,
सुबह नहाना छोड़ दिया।
यह जो रंगों का त्यौहार है,
इस दिन ना हुए लाल पीले तो जिंदगी बेकार है,
रंग लगाना तो इतना पक्का लगाना,
जितना पक्का तू मेरा यार है।
मक्के की रोटी, नींबू का अचार,
सूरज की किरणें खुशियों की बहार,
चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार।
दिल ने एक बार और कहना माना है,
इस होली पर फिर हमें उन्हें रंगने जाना है।
होली आती याद दिलाती,
रंगो से तन मन सहलाती,
भीगे भीगे गीत सुनाती,
पिचकारी से रंग बरसाती।