पगली दिल धड़कने लगता है बड़ी जोर से,
सुनके तेरी पायल की झंकार,
ज़रा आहिस्ता आहिस्ता चला करो,
कुछ वक़्त तो मिले बेकरार दिल को संभालने का।
छम-छम करती पायल तेरी,
कानों में रस घोल गई,
तू तो राधे कुछ ना बोली,
तेरी झाँझर कान्हा-कान्हा बोल गई।
चूम कर तेरे पैरो को होंठों से अपने,
यह पायल आज उतार मैं ले जाऊँगा,
पहन जोड़ी, अपने पैरो में तेरे नाम की,
आज मैं, इश्क़ का वह गीत बनाऊंगा।
उसके पैरों में पायल डाल कर,
उसके कदमों में दिल बिछा दिया,
कुछ इस तरह से हमने उसको,
अपने दिल का हाल बता दिया।
मेरे आँगन के सन्नाटे को,
तेरी पायल की झंकार चाहिए,
झम झम बरसते एहसास ए सावन में ,
बस तुम्हारा प्यार चाहिए।
ये तेरी पायल भी ना
बड़ा अजब सा सितम करती है,
पैरों में तेरे रहती हैं
पर आवाज मुझे लगाती रहती है।
उसके पैर की एक पायल ने ही
सबको पागल बना रखा है,
खुदा का शुक्र है कि उसने
दोनों पैरों में पायल नही पहनी।
उसकी पायल में छिपी है सावन की घटा,
वो हर शाख में बहार भर देती है,
रूकती है जहाँ खिलते है गुलाब,
गुज़रती जहाँ से आँख भर देती है।
मेरी हैसियत इतनी नहीं के हर चीज दिला सकुं,
हा अगर बात तेरे मखमली पांव के पायल की है,
तो हर रोज नई लाकर पहना सकता हुँ।
मेरे दिए हुए पायल को पहन कर,
तुम जब जब चलती हो ना,
तब तब मेरी दिल की धड़कने,
तेज से धड़क उठती है।