इस बार मिलने आऊंगा,
तोहफे में तुम्हारे लिए पायल लेकर आऊंगा,
जब चलोगी पहन कर,
तो मेरा इश्क़ छम छम गुंजेगा।
चूम कर तेरे पैरो को होंठों से अपने,
यह पायल आज उतार मैं ले जाऊँगा,
पहन जोड़ी, अपने पैरो में तेरे नाम की,
आज मैं, इश्क़ का वह गीत बनाऊंगा।
मेरे दिए हुए पायल को पहन कर,
तुम जब जब चलती हो ना,
तब तब मेरी दिल की धड़कने,
तेज से धड़क उठती है।
सुन तुम मेरे ख्वाबों में अपनी
पायल उतार कर आया करो,
तुम्हे पता नही, तेरी पायल की झंकार से
मेरा पूरा मोहल्ला, रात भर जगा रहता है।
उसकी पायल में छिपी है सावन की घटा,
वो हर शाख में बहार भर देती है,
रूकती है जहाँ खिलते है गुलाब,
गुज़रती जहाँ से आँख भर देती है।
बहुत कमाल की पायल हैं उसकी,
पैरों में वो पहनती हैं,
झुनझुनाहट मेरे दिल में होती हैं।
दिल धड़कने लगता है बड़ी जोर से,
सुनके तेरी पायल की झंकार,
ज़रा आहिस्ता आहिस्ता चला करो,
कुछ वक़्त तो मिले बेकरार दिल को संभालने का।
पायल तेरी, झुमकी तेरी,
और ये जो नथनी नाक की,
हुस्न तो, जो है सो है,
ख़लिश हैं लोगों की आंख की।
छम-छम करती पायल तेरी,
कानों में रस घोल गई,
तू तो राधे कुछ ना बोली,
तेरी झाँझर कान्हा-कान्हा बोल गई।
पैरों में जब पायल सजाई मैंने,
उस पायल ने नाम तुम्हारा लिया,
हाथों में मेहँदी लगायी मैंने,
मेहँदी में रंग तुम्हारे नाम से निखरा।
हमारे दिल की वीरान गलियों में,
वो आवाज़ शोर मचा गयी थी,
एक पायल की छमक गूंजी तो,
पता चला कि वो लौट कर आ गयी थी।