पैरों में जब पायल सजाई मैंने,
उस पायल ने नाम तुम्हारा लिया,
हाथों में मेहँदी लगायी मैंने,
मेहँदी में रंग तुम्हारे नाम से निखरा।
मोहब्बत है रंगो का बादल,
मोहब्बत है आंखो का काजल,
मोहब्बत है माथे का कुमकुम,
मोहब्बत है पायल की छुमछुम,
और सुनो तो सनम मोहब्बत है, हम और तुम।
ये तेरी पायल भी ना
बड़ा अजब सा सितम करती है,
पैरों में तेरे रहती हैं
पर आवाज मुझे लगाती रहती है।
बहुत कमाल की पायल हैं उसकी,
पैरों में वो पहनती हैं,
झुनझुनाहट मेरे दिल में होती हैं।
ना पुकारूंगी तूझे पायल की छम छम से,
ना पुकारूंगी तुझे कंगन की खन खन से,
अगर सुन सकते हो तो आ जाओ,
आज पुकारती हूं तुझे दिल की धड़कन से।
हमारे दिल की वीरान गलियों में,
वो आवाज़ शोर मचा गयी थी,
एक पायल की छमक गूंजी तो,
पता चला कि वो लौट कर आ गयी थी।
सुन तुम मेरे ख्वाबों में अपनी
पायल उतार कर आया करो,
तुम्हे पता नही, तेरी पायल की झंकार से
मेरा पूरा मोहल्ला, रात भर जगा रहता है।
पायल तेरी, झुमकी तेरी,
और ये जो नथनी नाक की,
हुस्न तो, जो है सो है,
ख़लिश हैं लोगों की आंख की।
ठहरे हुऐ पानी मे जब वो अपने पाँव पटकती है,
उसकी पायल की खनक दिल मे हलचल मचाती है,
करती है शरारत जब वो अपने आँखो से,
बा खुदा वो पानी मे आग लगती है।
इस बार मिलने आऊंगा,
तोहफे में तुम्हारे लिए पायल लेकर आऊंगा,
जब चलोगी पहन कर,
तो मेरा इश्क़ छम छम गुंजेगा।
उसकी पायल में छिपी है सावन की घटा,
वो हर शाख में बहार भर देती है,
रूकती है जहाँ खिलते है गुलाब,
गुज़रती जहाँ से आँख भर देती है।
छम-छम करती पायल तेरी,
कानों में रस घोल गई,
तू तो राधे कुछ ना बोली,
तेरी झाँझर कान्हा-कान्हा बोल गई।
उनकी चाल ही काफी थी,
इस दिल के होश उड़ाने के लिए,
अब तो हद हो गई,
जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे।