होली के दिन ये मुलाक़ात याद रहेगी,
रंगों की ये बरसात याद रहेगी,
आपको मिले रंगीन दुनिया ऐसी,
हमेशा ये मेरी दुआ याद रहेगी।
लाल हो या नीला हर रंग तुझे लगाना है,
होली कैसे खेलते है आज तुझे बताना है।
इस बार होली कुछ इस तरह मनाएंगे,
आपके घर आकर आपको रंग लगाएंगे,
नींद में सोये होंगे आप आराम से,
हम आपको लाल पिला कर जाएंगे।
मोहब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
अपने प्यार की बौछार से तुम्हें भीगा देंगे आज,
तुम पे निशान बस हमारे ही दिखेंगे,
कुछ इस तरह रंग तुम्हें लगा देंगे आज।
अभी गुलाल तो बहाना है,
दूरियां दिलों से मिटाना है,
तो कैसा ये शरमाना है,
होली का त्यौहार आज ही मनाना है।
लाल रंग सूरज से, नीला रंग आसमान से,
हरा रंग हरियाली से, गुलाबी रंग गुलाब से,
तमाम खुशियां मिलें आपको, ये दुआ करते हैं हम दिल से।
आज रंगीन यह त्यौहार आया है,
साथ यह अपने ढ़ेरों खुशियाँ लाया है,
मुझसे पहले न रंग दे कोई तुम्हें,
इसलिए बधाइयों का रंग सबसे पहले पहुंचवाया है।
देते है आपको हम दिल से ये दुआएं,
होली के रंग आपके जीवन में भर जाएं,
आपके सभी सपने चुटकी में पूरे हो,
आपके जीवन में दुःख कभी न आए।
नेचर का हर रंग आप पर बरसे,
हर कोई आपके संग होली खेलने को तरसे,
रंग दे आपको मिल के सारे इतना,
की आप वो रंग उतारने को तरसे।
इस होली तुम अंग से अंग लगाना,
छूटे ना जो जिंदगी भर,
पिया जो मोहे ऐसे रंग लगाना।
कोई रंग ना बिखेरा ना ही गुलाल उड़ाया,
सुंदर ये रूप तेरा बस प्रेम से सजाया,
मेरी कल्पना से निकली आजाओ खेलो होली,
यही बात अब तक मैंने तुमसे नहीं है बोली।
पिचकारी की आई बाजारों में बौछार,
हर कोई मांगे अनोखी पिचकारी,
हर बार बच्चों को होता त्योहारों से प्यार,
वही तो बनाते त्योहारों को गुलजार।
रंगों तुम रंग दूँ मैं,
रंग दे ये सारा ज़हान,
बस हँसे और गले लगें,
और भूले दुश्मनी की निशान।
जो नफरत का कर दे उपचार वही होली है,
जो माँ करें दुलार वही होली है,
जिस के रंगों में रंग जाए संसार वही होली है,
जो आपसे मिलवाये बार-बार वही होली है।
फूलों ने खिलना छोड़ दिया,
तारों ने चमकना छोड़ दिया,
होली में बाकि है कई दिन फिर भी आपने,
अभी से नहाना क्यों छोड़ दिया।
ऐसे मनाना होली का त्यौहार,
पिचकारी से बरसे सिर्फ प्यार,
ये है मौका अपनों को गले लगाने का,
तो गुलाल और रंग लेकर हो जाओ तैयार।
तेरे संग मैंने खेली मेरी कल्पना की होली,
यही बात अब तक मैंने तुमसे नहीं है बोली,
कोई रंग ना बिखेरा ना ही गुलाल उड़ाया,
सुंदर ये रूप तेरा बस प्रेम से सजाया।
रंगों की बौछार नहीं नजरों की इनायत ही काफी है,
तुम सामने होते तो चेहरा यूँ ही गुलाल हो जाता।
न जीत का न हार का,
होली का त्यौहार तो बस है प्यार का।
शेर कभी छिपकर शिकार नहीं करते,
बुजदिल कभी खुलकर वार नहीं करते,
और हम वो है जो हैप्पी होली कहने के लिए,
त्यौहार आने का भी इंतजार नहीं करते।