इज्जत किसी आदमी की नही, जरूरत की होती हैं,
जरूरत खत्म तो इज्जत खत्म।
उम्र भर की इज्जत आशिकी के नीलाम हुई,
मोहब्बत के नाम पर हादसों से मुलाकात हुई।
मेहनत करे तो धन बने, सब्र करे तो काम,
मीठा बोले तो पहचान बने, और इज्जत करे तो नाम।
आज भी लोग हमारी इतनी इज्जत करते हैं,
हम जिसे मेसेज करते हैं वो सर झुकाकर पढ़ते हैं।
उस घर के किसी काम में कभी बरकत नहीं होती,
जिस घर में माँ बाप की इज्जत नहीं होती।
इज्जत देखि तो सिर्फ खुदा के घर देखी,
जहां रो भी लो तो जमाना तमाशा नही बनाता।
अच्छे लोगों की इज्जत कभी कम नहीं होती,
सोने के सौ टुकड़े करो पर कीमत कम नहीं होती।
लड़ सको दुनिया से जज्बों में वो शिद्दत चाहिये,
इश्क करने के लिये इतनी तो हिम्मत चाहिये,
कम से कम मैंने छुपा ली देखकर सिगरेट तुम्हें,
और इस लड़के से तुमको कितनी इज्जत चाहिये।
मयखाने की इज्ज़त का सवाल था हुज़ूर,
सामने से गुजरे तो, थोड़ा सा लड़खड़ा दिए।
वक्त, ऐतबार और इज्जत ये ऐसे परिंदे हैं,
जो एक बार उड़ जाए तो वापस नहीं आते।