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Indian Army Shayari in Hindi - इंडियन आर्मी शायरी इन हिंदी

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जब हम तुम अपने महबूब की आँखों में खोये थे,
जब हम तुम खोयी मोहब्बत के किस्सों में खोये थे,
सरहद पर कोई अपना वादा निभा रहा था,
वो माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा था।

जब भर्ती हुआ फौज मे,
उसी दिन दो कफ़न खरीद लिये थे,
एक खुशियों को ओढ़कर दूसरा
घरवालो को दे आये थे।

न झुकने दिया तिरंगे को, न युद्ध कभी ये हारे हैं,
भारत माता तेरे वीरों ने, दुश्मन चुन चुन कर मारे हैं।

रात होते ही आप नींद में खो जाते है,
सूरज ढलते ही वो तैनात हो जाते है।

ए वीरों जोश ना ठंडा हो पाए, कदम मिलकर चल,
माँ कसम मंजिल तेरे कदम चूमेगी आज नही तो कल।

मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा बस मैं यही अरमान रखता हूं।

जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं,
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं।

मेरे देश के वीरो को ललकार ने की कोशिश मत करो,
ए दुश्मनों, वरना नाश नहीं सर्वनाश होगा।

एक पल में जो आकर गुजर जाता है,
ये वो हवा का झोंका नहीं,
ये वो तूफान है जो,
दुश्मन को मारे बिना सोता नहीं।

मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं,
होता नहीं गुलाम कोई लोग किये जाते हैं
उन वीरों को शत शत नमन करो,
मौत के साए में होते है और जिए जाते हैं।

ये देश तुम्हे बुला रहा है आ जाओ,
कर्ज इस माँ का चूका जाओ,
देकर कुर्बानी अपने जान की,
सच्चे लाल तुम्ही हो एक बार दिखला जाओ।

आरजू बस यही है दम निकले तो तेरी बन्दगी में,
जय हिंद का नारा हो, तिरंगा कफ़न हमारा हो।

हम वतन के सिपाही है,
तन मन धन सब देश के नाम लिख जाएंगे,
जान तो क्या रूह भी देश के नाम कर जाएंगे।

जब भारत मां मुझे पुकारती है,
तो इस कदर दीवाना हो जाता हूं,
कि मौत भी पास आए तो गले लगा लेता हूं।

चढ़ गये जो हँसकर सूली,
खाई जिन्होंने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करे हैं,
जो मिट गये देश पर, हम सब उनको सलाम करते हैं।

न मरो सनम बेवफा के लिए,
दो गज जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए,
मरना है तो मरो वतन के लिए,
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए।

जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो,
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो,
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।

कर जज्बे को बुलंद जवान, तेरे पीछे खड़ी आवाम,
हर दुश्मन को मार गिराएंगे, जो हमसे देश बँटवाएंगे।

सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ,
दुश्मन की सांसे थम जायें, आवाज में इतनी धमक रखता हूँ।

एक दिया उनके भी नाम का
रख लो पूजा की थाली में,
जिनकी सासें थम गई हैं
भारत माँ की रखवाली में।

ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा,
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा,
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए,
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये।

वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है,
मरेगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।

भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ,
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ।

वतन के जां-निसार हैं, वतन के काम आएंगे,
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमां बनाएंगे।

देश की हिफाजत मरते दम तक करेंगे,
दुश्मन की हर गोली का हम सामना करेंगे,
आजाद हैं और आजाद ही रहेंगें।

आओ झुकर सलाम करे उनको,
जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है,
खुसनसीब है वो खून जा देश के काम आता है।

मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा, ये मुल्क मेरी जान है,
इसकी रक्षा के लिए मेरा दिल और जान कुर्बान है।

खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।

मैं भारत बरस का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हुँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।

लड़ें वो वीर जवानों की तरह, ठंडा खून फ़ौलाद हुआ,
मरते-मरते भी की मार गिराए, तभी तो देश आज़ाद हुआ।

मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प लिए जो जवान सरहद पर खड़ा है।

लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।

मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिए,
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए,
जब तक जिन्दा रहूं इस मातृ-भूमि के लिए,
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये।

दिल में जूनून, आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ,
दुश्मन की जान निकल जाए, आवाज में इतनी दमक रखता हूँ।

चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं,
इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,
मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं,
कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं।

आओ झुककर सलाम करे उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनका लहू इस देश के काम आता है।

खुशनसीब हैं वो जो वतन पे मिट जाते हैं,
मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ तुम्हे सलाम ऐ वतन पर मिटने वालो,
तुम्हारी हर सांस में बसना तिरंगे का नसीब है।

किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

ना हिन्दू, ना मुसलमान हूँ मैं,
जख्मो से भरा सीना हैं मगर,
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं,
भारत का वीर जवान हूँ मैं।

फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब, पूछ के नहीं की जाती।

उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं।

अधिकार मिलते नहीं लिए जाते हैं,
आजाद हैं मगर गुलामी किये जाते हैं,
वंदन करो उन सेनानियों को,
जो मौत के आँचल में जिए जाते हैं।

इस वतन के रखवाले हैं हम, शेर ए जिगर वाले हैं हम,
मौत से हम नहीं डरते, मौत को बाँहों में पाले हैं हम।

खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है।

कितना खुसनसीब हु मैं,
जो अपनी धरती के काम आया,
आज मैं तो नहीं रहा पर,
मेरे खून का हर कतरा मेरे देश के काम आया।

लुटता हुआ वतन देखकर जो खोला नहीं,
सोचो ऐसे खून की रवानी किस काम की,
कर्ज से इस माटी का चुकाए बिना ढल जाए जो,
बताओ दोस्तो वो जवानी किस काम की।

जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में भी लिपट कर सोने में सिमटकर मरे हैं कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता।

जो वतन पे मर मिटा बस वही महान है,
देश का हर जवान देवता समान है।

पर्स में अपने परिवार को रख,
सीमा पर पहरा देते है जब वर्दी मिलती है,
जो फुले नहीं शमाते है वो देश के खातिर,
अपनों से मिलने को तरस जाते है।

मैं बॉर्डर पर देश की हिफाजत करूँगा,
ये देश मेरी जान है मेरा अभिमान हैं,
इसकी रक्षा के लिए,
मैं क्या मेरा हर जन्म कुर्बान हैं।




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