इज्जत देखि तो सिर्फ खुदा के घर देखी,
जहां रो भी लो तो जमाना तमाशा नही बनाता।
औकात तो लोगों को डरा कर भी बनाई जा सकती है,
इज्जत कमाने के लिए प्यार बाँटना पड़ता है।
इज्जत इतनी महंगी चीज है साहब,
इसकी उम्मीद घटिया लोगों से बिल्कुल भी ना करें।
लड़ सको दुनिया से जज्बों में वो शिद्दत चाहिये,
इश्क करने के लिये इतनी तो हिम्मत चाहिये,
कम से कम मैंने छुपा ली देखकर सिगरेट तुम्हें,
और इस लड़के से तुमको कितनी इज्जत चाहिये।
न छेड़ा करो बात बात पे एडमिन को यारो,
पूरे ग्रुप में उसकी बेइज्जती खराब होती है।
अलग ही इज्जत है, चाय में, इलायची की भी,
हर किसी के लिए, नहीं डाली जाती।
आजकल वह लोग हमें इज्जत करना सिखा रहे हैं,
जिन्हें अपनी इज्जत के आगे,
दूसरों की इज्जत की परवाह नहीं होती।
सच बोलकर मैने इज्जत गंवाई है,
तो झूठ बोलने में क्या बुराई है।
उस घर के किसी काम में कभी बरकत नहीं होती,
जिस घर में माँ बाप की इज्जत नहीं होती।
मोहबत इज्जत से शुरू होती है,
मोहब्बत इज्जत पर ही खत्म होती है।