अधिकार कोई देता नहीं लिए जाते हैं,
प्यार मांगने से पहले सम्मान दिए जाते हैं,
याद करो उन वीरों की कुर्बानी को,
जो इस धरती के लिए जान न्यौछावर किये जाते है।
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की क़ुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूंद भी लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलम नहीं होने देंगे।
चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा,
यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में।
आज़ादी की कभी शाम नही होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नही होने देंगे,
बची हो जो इस बूँद भी गर्म लहू की,
तब तक भारत के आंचल नीलाम नही होने देंगे।
जन्नत से बढकर वतन कर ले,
जय हिंद जय हिंद, वंदेमातरम्,
अमर शहीदों को नमन कर ले।
फिर उड़ गई नींद मेरी यह सोचकर,
कि जो शहीदों का बहा वो खून,
मेरी नींद के लिए था।
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार हैं,
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं,
क्योकि सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं।
चलो फिर से खुद को जगाते हैं,
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं,
सुनहरा रंग हैं गणतंत्र का, शहीदों के लहूँ से,
ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं।
शहीद हो गए जो ओढ़ तिरंगा, भारत मा की गोद में,
फिर होंगे ये वीर पैदा, किसी भारत माँ की गोद से।
जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है,
अपने खूं से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है।
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर लें,
जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे,
देशभक्तों के खून की वो धारा याद कर लें।