इज़्ज़त हमेशा इज़्ज़तदार लोग ही करते है,
जिनके पास खुद इज़्ज़त नहीं,
वो किसी दूसरे को क्या इज़्ज़त देगे।
मोहब्बत की पहली शर्त इज्जत है,
जो इज्जत नही दे सकता,
वो सच्चा प्यार भी नही दे सकता।
आजकल वह लोग हमें इज्जत करना सिखा रहे हैं,
जिन्हें अपनी इज्जत के आगे,
दूसरों की इज्जत की परवाह नहीं होती।
झुक जाते हैं जो लोग आपके लिए,
किसी भी हद तक,
वो सिर्फ आपकी इज्जत ही नहीं,
आपसे मोहब्बत भी करते हैं।
जो दूसरों को इज्जत देता है,
असल में वह खुद इज्जतदार होता है,
क्योंकि इंसान दूसरों को वही दे पाता है,
जो उसके पास होता है।
लोग दौलत देखते है, हम इज्जत देखते है,
लोग मंजिल देखते है, हम सफर देखते है,
लोग दोस्ती बनाते है, और हम उसे निभाते है।