इज्जत किसी आदमी की नही, जरूरत की होती हैं,
जरूरत खत्म तो इज्जत खत्म।
जिंदगी में आये हो तो हर चीज करना,
पर भूलकर भी कभी अपनी इज़्ज़त मत गवाना।
जो दूसरों को इज्जत देता है,
असल में वह खुद इज्जतदार होता है,
क्योंकि इंसान दूसरों को वही दे पाता है,
जो उसके पास होता है।
कभी कभी लोग मीठी मीठी बाते करके,
आपको इज्जत नहीं बल्कि धोका दे रहे होते है।
अलग ही इज्जत है, चाय में, इलायची की भी,
हर किसी के लिए, नहीं डाली जाती।
जहां इज्जत ना मिले वहा रहना छोड़ दो,
चाहे वो किसी का घर का हो या किसीका दिल।
इज्जत देखि तो सिर्फ खुदा के घर देखी,
जहां रो भी लो तो जमाना तमाशा नही बनाता।
लड़ सको दुनिया से जज्बों में वो शिद्दत चाहिये,
इश्क करने के लिये इतनी तो हिम्मत चाहिये,
कम से कम मैंने छुपा ली देखकर सिगरेट तुम्हें,
और इस लड़के से तुमको कितनी इज्जत चाहिये।
उस घर के किसी काम में कभी बरकत नहीं होती,
जिस घर में माँ बाप की इज्जत नहीं होती।
औरत प्यार मोहब्बत करने वाले को शायद भूल जाए,
पर इज्जत करने वालो को कभी नहीं भूलती।